नई दिल्ली : अयोध्या बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले (Babri Masjid Demolition Case) में पूर्व केंद्रीय मंत्री लाल कृष्ण अडवाणी (Lal Krishna Advani), मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi), उमा भारती (Uma Bharti) और पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह (Kalyan Singh) को गवाही के लिए तलब किया गया है। लखनऊ सीबीआई कोर्ट (CBI Court Lucknow) द्वारा आज गवाही की तारीख तय की गई थी। सभी आरोपियों की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेसिंग (Video Conferencing) के जरिये होगी।
आरोपियों की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये सुनिश्चित करने को लेकर पिछले दिनों ही सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (Special Court CBI) ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (Chief Secretary of Uttar Pradesh) को अदालत में सुविधा बहाल करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस बाबत अपने दफ्तर को पत्र भेजने का भी आदेश दिया था, जिससे आरोपियों की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये सुनिश्चित की जा सके। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 8 मई, 2020 को एक आदेश जारी कर हर हाल में 31 अगस्त, 2020 तक सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया है।
Babri Demolition Masjid Case : क्या है पूरा मामला ?
अयोध्या (Ayodhya) में विवादित भूमि पर राम मंदिर (Ram Mandir) होने के दावे के बीच 1992 में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया गया था। बाबरी विध्वंस मामले में पहली रिपोर्ट 6 दिसंबर 1992 को थाना राम जन्मभूमि में दर्ज कराई गई थी। पुरे मामले में 49 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। 49 आरोपियों में से 17 की मौत हो चुकी है।
मौजूदा समय में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, चंपत राम बंसल एवं महंत नृत्य गोपाल दास (Nritya Gopal Das) समेत 32 के विरुद्ध मुकदमा चल रहा है। अदालत के अनुसार आरोपियों के बयान के लिए एक हजार से अधिक प्रश्न सीबीआइ (CBI) की ओर से तैयार किए गए हैं, जिनके आधार पर आरोपितों से प्रश्न पूछे जाएंगे।