आगरा- हाल ही में दरवेश यादव यूपी बार काउंसिल की चेयरमैन बनी थीं और बुधवार को उनके स्वागत में एक समारोह का आयोजन किया गया था। जिस चैंबर में उन्हें माला पहनाई गई, उसी चैंबर में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन्हें मौत देने वाला कोई गैर नहीं, बल्कि वकालत की शुरूआत के वक्त में दरवेश का दोस्त बना मनीष था। लेकिन सवाल है कि मनीष ने ऐसा क्यों किया था? तो इस सवाल से अब पर्दा उठ चुका है।
दोस्त क्यों बना कातिल?
बता दें कि आगरा की दीवानी कचहरी में यूपी बार काउंसिल की नवनिर्वाचित चेयरमैन दरवेश का स्वागत समारोह था। दरवेश यादव के साथ उनकी भांजी कंचन यादव और उनका एक रिश्तेदार मनोज यादव भी उनके साथ थे। दरवेश यादव का मनीष ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। क्यों हर चुनाव में दरवेश के लिए प्रचार करने वाला, उसकी मदद करने वाला मनीष यूपी बार कॉउसिंल के चुनाव में दरवेश के पक्ष में जमकर मेहनत करने वाले मनीष ने ही उसके सीने में मौत की गोली उतार दी? लेकिन खाकी ने इन सवालों को न सिर्फ जिंदा रखा, बल्कि इनका जवाब भी तलाश लिया।
हाल ही में हुआ था विवाद
खबरों के अनुसार, कुछ दिन पहले मनीष की पत्नी और दरवेश के बीच एक बड़ा बवाल हुआ था। तब दरवेश ने मनीष पर अपनी पत्नी को छोड़ने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था। बताया जा रहा है कि दरवेश चाहती थी कि मनीष उसके साथ आकर रहे। इस दौरान दरेवश बार काउंसिल की अध्यक्ष बन गईं, जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। इस दौरान मनीष ने पारिवारिक खींचतान के चलते गुस्से में दरवेश को गोली मार दी और उसके बाद खुद को भी गोली मार ली।
दोस्ती हुई दागदार
बताने वाले बताते हैं कि आगरा की दीवानी कचहरी में यूपी बार काउंसिल की नवनिर्वाचित चेयरमैन दरवेश का स्वागत समारोह था। इस बात की जानकारी मनीष को नहीं थी और ना ही वो वहां मौजूद था। उसे वहां ना पाकर कुछ वकीलों ने मनीष को फोन किया और वहां समारोह में आने के लिए कहा था, लेकिन किसी को कहां मालूम था कि मनीष आएगा तो दरवेश की मौत बनकर। उसे और खुद को खत्म कर लेगा और दोस्ती को दागदार कर देगा।