नई दिल्ली: चिल्ला बॉर्डर (Chilla Border) पर भारतीय किसान यूनियन के धरनास्थल पर शुक्रवार को पंजाब स्थित नवांशहर के 50 से अधिक किसानों ने डेरा डाल दिया है, पंजाब से आए इन किसानों का भानु गुट के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने स्वागत किया।

बता दें कि यह किसान एक ट्रैक्टर ट्राली से धरनास्थल पर पहुंचे हैं, जो भारी मात्रा में राशन भी लेकर आए हैं, किसानों (Farmer) ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली कूच के करने के बाद ही सरकार की आंखें खुलेंगी, दो दिन पहले ही धरनास्थल पर उत्तराखंड से भी भारी संख्या में किसान पहुंचे थे, जिन्होंने नानकमता साहिब गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी की ओर से लंगर भी शुरू करा दिया है, इससे पहले लखीमपुर खीरी से सिख किसानों ने धरना स्थल पर पहुंचकर अपनी जगह बनाई है।

धरनास्थल पर किसानों ने लिया लाठी का प्रशिक्षण
चिल्ला बार्डर पर शुक्रवार को किसानों ने दिल्ली परेड की तैयारी को लेकर लाठी चलानी सीखी, इसके लिए लाठी प्रशिक्षक को बुलाया गाया था, इस दौरान चौधरी बीसी प्रधान ने कहा कि सरकार से अब आर पार की लड़ाई की जाएगी, इसरके लिए किसानों ने तैयाारी शुरू कर दी है, पहले 26 जनवरी को दिल्ली परेज में शामिल होंगे, इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

किसान और केंद्रीय कृषि मंत्री के बीच वार्ता विफल होने पर लोकशक्ति के राष्ट्रिय अध्यक्ष चौधरी मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट हैं, अब या तो मरेंगे या फिर कानून वापस कराएंगे लेकिन पीछे नहीं हटेंगे, उन्होंने कहा कि धरना स्थल पर किसान महापंचायत के लिए आ रहे किसानों को सरकार रोक रही है, कासगंज और अलिगढ़ किसान यूनियन जिलाध्यक्षों को प्रशासन ने नजरबंद कर दिया है, यह सरकार का रवैया सही नहीं है।