BJP का वो अकेला नेता, जिसने Ayodhya मामले में गँवाई सत्ता, सजा भी काटी
नई दिल्ली : शनिवार, यानि 9 नवंबर का दिन देशवासियों के लिए काफी अहम दिन रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर अपना फैसला सुना कर लोगों के बरसों का इंतज़ार खत्म कर दिया है। बता दे कि कोर्ट ने यह फैसला रामलला के हक में सुनाया है। साथ ही साथ मुस्लिम पक्ष को भी अयोध्या में पांच एकड़ ज़मीन देने का फैसला सुनाया है। इस फैसले के आने से जहां लोगों में खुशी का महौल है। वहीं दूसरी ओर सुरक्षा व्यवस्था आज भी चाक चौबंध है।
दशकों पुराने मामले का सुप्रीम फैसले ने किया अंत
अयोध्या मामले का फैसला भले ही 9 नवंबर को आया हो, लेकिन ये मामला दशकों पुराना है। इस मामले ने कई पार्टियों की सरकार बनाई तो सरकार गिराई भी। 90 के दशक में अयोध्या मामले के रथ पर सवार होकर ही बीजेपी ने सत्ता तक का सफर तय किया था। लेकिन बाबरी विध्वंस के बाद तब की उत्तर-प्रदेश की बीजेपी सरकार की सत्ता चली गई थी। इतना ही नहीं, तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का इस मामले के बाद राजनीतिक वनवास भी शुरू हो गया।
बता दें कि कल्याण सिंह भाजपा के अकेले नताओं में से एक हैं, जिन्होंने अयोध्या विवाद मामले में अपनी सत्ता तक को कुर्बान कर दिया। साथ ही साथ एक दिन की सज़ा भी काटी। अयोध्या विवाद मामले में कई नेताओं ने अपनी पहचान बनाई लेकिन कल्याण सिंह वो शख्स थे, जिन्होंने राम मंदिर के लिए अपनी सत्ता की भी कुर्बानी दे डाली। बता दें कि राम मेदिर विवाद में सज़ा पाने वाले भी कल्याण सिंह अकेले शख्स थे।
दो बार यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं कल्याण सिंह
कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। कुछ समय पहले तक ये राजस्थान के राज्यपाल थे। इससे पहले वो दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। राम मंदिर विवाद में कल्याण सिंह का चेहरा एक समय में सबसे खास चेहरों में से एक था। बीजेपी के अटल बिहारी बाजपेयी के बाद कल्याण सिंह ऐसे दूसरे नेता थे, जिनका भाषण सुनने के लिए लोग बेचैन रहते थे। कल्याण सिंह उग्र तेवर में बोलते थे जो लोगों को काफी पसंद था।
6 दिसंबर 1992 को जब अयोध्या के विवादित ढांचे को गिरा दिया गया था, तब इसका ज़िम्मेदार कल्याण सिंह को ही ठहराया गया था। इसके बाद 6 दिसंबर 1992 को ही इन्होंने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने और उसकी रक्षा न करने के मामले में कल्याण सिंह को एक दिन की सज़ा भी दी गई। बता दें कि कल्याण सिंह को कट्टरपंथी हिन्दुत्तव वादी के रूप में जाना जाता है। हालाँकि अब वो राजनीति में सक्रिय नहीं है।