दहेज प्रथा ( Dowry System) से छुटकारा अब भी नहीं
Jaunpur- जौनपुर (Jaunpur) में बारात का अरमान पाले एक दुल्हन इंतजार करती रह गई और दूल्हे ने दहेज़ की मांग पूरी न होने पर बारात लाने से ही मना कर दिया। जौनपुर की एक बेटी का के कारण घर ही नहीं बस पाया और दहेज लोभियों पर कार्रवाई के लिए अपनें परिवार के साथ लड़की पुलिस के आलाधिकारीयों से गुहार लगा रही है।
Jaunpur से सामने आई हैरान करने वाली घटना
जौनपुर में दहेज की मांग में आठ लाख रुपये नगद न दिए जाने पर पिता और पुत्री के अरमानों पर पानी फिर गया। 19 नवंबर के दिन पूरा परिवार शादी की खुशियों में लगा था। विवाह के लिए निमंत्रण पत्र छपवा कर नाते रिश्तेदारों में बाँट दिए गए थे।
आज बारात चौखट पहुंचनी थी मगर दूल्हा बारात लेकर ही नहीं पहुंचा। दरअसल खुटहन थाना क्षेत्र के सहाबुदीनपुर (उसरौली) गांव निवासी गरीब पिता रामलोचन सिंह ने अपनी पुत्री निधी सिंह का विवाह के लिए कुछ माह पूर्व सुलतानपुर जनपद के ग्राम रानेपुर ( कादीपुर) गांव निवासी बृजेश सिंह के पुत्र रोहित सिंह से रिश्ता तय किया था।
विवाह के एक दिन पहले आठ लाख रुपये नगद दहेज़ की मांग
अपने पारिवारिक जीवन को सही दिशा देने के लिए दोनों फोन पर बातचीत भी करते थे। सब ठीक ठाक था। बीते 15 नवंबर को तिलकोत्सव का कार्यक्रम बड़े धूम धाम से सम्पन्न हुआ और 19 नवंबर को शादी की तारीख तय की गई, मगर अचानक लड़के पक्ष ने विवाह के ठीक एक दिन पहले लड़की पक्ष से आठ लाख रुपये नगद दहेज़ की मांग कर दी। लड़की पक्ष तीन लाख रुपये देने को तैयार भी हो गया।
लेकिन लड़के वालों ने पूरा आठ लाख रुपये ना होने और बारात न लाने की धमकी दे डाली। लड़की के परिवार वालों ने लड़के पक्ष को फोन पर ही बहुत समझाया मगर लड़के पक्ष पर तो दहेज़ का ऐसा भूत सवार था कि तिलकोत्सव होनेे बाद तय चल रहे रिश्ते को ही ख़त्म करने की बात कह दी।
दुल्हन पुलिस अधिकारियों से न्याय की मांग कर रही हैं
बारात की तैयारियों को लेकर लड़की पक्ष का लाखों रुपये तक का नुकसान हो गया मगर दूल्हा बारात लेकर नहीं आया। ऐसे में दुल्हन अपने साथ घटित घटना को लेकर पुलिस अधिकारियों से न्याय की मांग लगा रही हैं । पीड़ित दुल्हन बताती है कि दहेज़ ने उसके अरमानों को बर्बाद कर दिया है। उसके परिवार को अपमान सहना पड़ा है। पूरा परिवार का रो रो कर बुरा हाल है।
शादी पक्की होने के बाद सारी रस्में हुई और 19 नवंबर को शादी की तारीख तय हुई। लड़की वालों ने कार्ड भी छपवा लिए और बांट भी दिए गए। घर में रिश्तेदारों का जमावड़ा हो गया। वहीं पूरा घर को फूलों और झालर से सजा दिया गया था । टेंट व हलवाई वाले भी आ गए । बरातियों के लिए भोजन व शादी का बैना भी तैयार कर लिया गया।
शादी वाले सुबह लड़के वालों ने फोन करके कह दिया कि दहेज कम है इसलिए वह लोग शादी नहीं कर सकते। इस पर लड़की के पिता के होश उड़ गए और उन्होंने आरजू मिन्नत की मगर बात नहीं बनी। घर में शादी की खुशियां उड़ गई।
दहेज़ मुक्त समाज बनाने के लिए आज भी जागरूकता की जरुरत
लड़की के पिता अपने रिश्तेदारों को लेकर लड़के वाले के गांव मनाने गए। मगर वहां भी बात नहीं बनी, लड़का पक्ष अपना घर का ताला बंद कर फरार हो गया और लड़की दुल्हन बनी बैठी रही और बारात नहीं आई। यहीं नहीं जिन्हें कार्ड मिला वह शाम को न्योता खाने भी आ गए मगर जब उन्हें बात पता चली तो वह भी लड़के वालों को कोसते हुए चले गए।
बहरहाल भले ही पुलिस ने आरोपी दूल्हे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया हो मगर जौनपुर में एक दुल्हन के अरमानों पर दहेज़ के कारण जो बीती है। उसे कोई नहीं बदल सकता। दहेज़ मुक्त समाज बनाने के लिए न केवल जागरूकता की जरुरत है। बल्कि दहेज़ मुक्त शादी की परम्परा शुरू करने की भी जरुरत है। ताकि कोई दुल्हन दहेज़ के कारण घुट-घुट कर जीवन न जिए।