नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश में जनतंत्र टीवी की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है। UPPCL में PF घोटाले को लेकर जनतंत्र टीवी की मुहिम के बाद हरकत में आई सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है। साथ ही मामले में दो पूर्व अधिकारियों की गिरफ्तारी भी कर ली गई है। जिसके बाद जन सरोकार की पत्रकारिता के लिए कर्मचारी संघ ने जनतंत्र टीवी का आभार भी जताया है।
कर्मचारियों के हितों से खिलवाड़ नहीं होगा
सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने तफ्सील से मामले की जानकारी देते हुए कहा कि अब मामला सरकार के संज्ञान में है जो हुआ उसकी जांच करवाई जा रही है लेकिन कर्मचारियों के हितों से खिलवाड़ नहीं होगा ये सरकार सुनिश्चित करेगी। शर्मा ने कहा कि UPPCL के जितने कर्मचारियों का पैसा DHFL में फंसा है उन्हें उनका हक दिलाना हमारी जिम्मेदारी है।
EPF घोटाले की नींव अखिलेश यादव के शासन काल में पड़ी थी
अब सरकार भी दावा कर रही है कि कर्मचारियों के हक का पैसा डूबने नहीं दिया जाएगा। हालांकि जब इस खबर को प्रमुखता के साथ आवाज़ दी तो राजनीति भी हुई प्रियंका गांधी और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर सवाल भी उठाया लेकिन जब परत दर परत पड़ताल की तो खुद ब खुद अखिलेश यादव भी इसकी जद में आ गए, तथ्य सामने आए कि जिस घोटाले का आज खुलासा हुआ है उसकी नींव अखिलेश के शासन काल में पड़ी थी, वो भी तब जब खुद बतौर मुख्यमंत्री ऊर्जा विभाग का कार्यभार भी अखिलेश यादव ही संभाल रहे थे।
महानिदेशक EOW इस मामले को देखेंगे
योगी सरकार ने इस मामले की CBI जांच के आदेश दे दिए। जांच शुरू होने से पहले तक महानिदेशक EOW इस मामले को देखेंगे। इस मामले में एम्प्लॉई ट्रस्ट के 2 अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है गिरफ्त में आए अफसरों के नाम सुधांशु द्विवेदी और प्रवीण गुप्ता हैं।
दिसंबर 2016 में ट्रस्ट के सचिव महाप्रबंधक पीके गुप्ता के प्रस्ताव पर तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी और तत्कालीन प्रबंध निदेशक एपी मिश्रा ने इसकी मंजूरी दी थी। मंजूरी मिलने के बाद ही UPPCL के कर्मचारियों के GPF और CPF को पहले पीएनबी हाउसिंग की सावधि जमा में निवेश किया गया।
निष्पक्ष जांच के लिए चेयरमैन और एमडी को तत्काल हटाया जाना चाहिए
तत्कालीन सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता और तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी ने 2017 में बिना प्रबंध निदेशक के संज्ञान में लाए GPF और CPF धनराशि को DHFL में सावधि जमा के रुप में निवेश कराया। हालांकि अब कर्मचारी संघ की मांग है कि निष्पक्ष जांच के लिए चेयरमैन और एमडी को तत्काल हटाया जाना चाहिए और कर्मचारियों को जानकारी भी उपलब्ध करवाई जानी चाहिए कि उनका हक का पैसा आखिर कहां निवेश किया जा रहा है तभी कर्मचारियों के साथ न्याय होगा।