Tejas के केबिन क्रू और अटेंडेंट बेहद परेशान
लखनऊ: भारतीय रेलवे की पहली प्राइवेट रेलगाड़ी तेजस (Tejas) अपनी स्पीड, लुक और सुविधाओं को लेकर चर्चा में है लेकिन इसमें काम करने वाले केबिन क्रू और अटेंडेंट बेहद परेशान हैं। 18 घंटे की नौकरी, पैसेंजर्स व स्टाफ द्वारा की जा रही छेड़खानी और देर से मिल रही सैलरी से वे बेहद परेशान हैं।
केबिन क्रू और अटेंडेंट को बिना नोटिस के निकाला नौकरी से
इस बीच एक दर्जन से अधिक केबिन क्रू व अटेंडेंट को बिना नोटिस के नौकरी से निकाल दिया गया है। अब ये युवा परेशान हैं और ट्वीट करके रेल मंत्री और आईआरसीटीसी से मदद मांग रहे हैं। लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा। वहीं जिस निजी फर्म द्वारा उन्हें नियुक्त किया था। वो भी नौकरी से निकालने का कारण नहीं बता रही है।
हाॅस्पिटैलिटी की जिम्मेदारी वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स की है
बिना नोटिस के हटाया नौकरी से बीते चार अक्टूबर से तेजस ट्रेन लखनऊ से दिल्ली के बीच चलना शुरू हुई। इसका परिचालन आईआरसीटीसी कर रहा है। लेकिन हाॅस्पिटैलिटी की जिम्मेदारी वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स (आरके एसोसिएट्स) की है।
एक महीने के अंदर 20 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया।
ये प्राइवेट कॉन्ट्रेक्टर के तौर पर आईआरसीटीसी के साथ जुड़ा है। इस फर्म ने केबिन क्रू व अटैंडेंट के तौर पर 40 से अधिक लड़के-लड़कियों की हायरिंग की लेकिन, एक महीने के भीतर 20 को हटा दिया जिनमें लगभग एक दर्जन लड़कियां हैं।
वहीं कई दिनों तक इंतजार कराने के बाद इन्हें सैलरी तो दी लेकिन दोबारा काम पर नहीं रखा। तेजस के जरिए हाॅस्पिटैलिटी की फील्ड में सुनहरा भविष्य का इनका सपना महज़ कुछ दिनों में ही चकनाचूर हो गया।