लखनऊ : प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को अपने ही राज्य में रोज़गार (Employment) उपलब्ध करवाने को लेकर यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) गंभीर नज़र आ रही है और इस दिशा में लगातार कई बड़े कदम उठा रही है। मजदूरों को रोज़गार उपलब्ध करवाने की योगी सरकार की मेहनत रंग लाती नज़र आ रही है। इस दिशा में सरकार को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। इंडियन इंडस्ट्रीज (Indian Industries) साथ मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MOU) साइन किया है, जिससे प्रदेश के 11 लाख मजदूरों को रोजगार मिलने की बात कही जा रही है।
Migrant Workers की स्किल मैपिंग से बड़ा फायदा
बता दें कि लॉकडाउन (India Lockdown) में मजदूरों की योगी सरकार द्वारा स्किल मैपिंग (Skill Mapping) करवाई गई, जिसके बाद विभिन्न कंपनियों के संगठनों से अपील की गई कि अपने काम से संबंधित मजदूरों की लिस्ट मुहैया करवाए। सरकार की इस अपील का बड़ा असर भी देखने को मिला और कपंनियों ने संबंधित मजदूरों की सरकार से मांग की। वहीं शुक्रवार को हुई बैठक में कई एमओयू साइन हुए हैं, जिससे प्रदेश के तकरीबन 11 लाख मजदूरों को रोजगार मिलने की बात कही जा रही है।
रोज़गार को लेकर राज्य सरकार के प्रवक्ता ने दी जानकारी
मजदूरों को रोज़गार उपलब्ध करवाए जाने को लेकर राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कई कपंनियों के संगठनों ने संबंधित मजदूरों की सरकार से मांग की है, जिसमें इंडियन इंड्रस्टीज एसोसियेशन (आईआईए) ने 5 लाख, नरडेको (नेशनल रीयल एस्टेट डवलपमेंट काउंसिल) ने 2.5 व कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) ने 2 लाख कामगार व श्रमिकों की मांग की है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आईआईए (IIA) व सीआईआई (CIA) एमएसएमई (MSME) इकाइयों तथा नरडेको रीयल एस्टेट संस्थानों में श्रमिकों को रोजगार दिलाने का काम करेगा। इनके अलावा कुछ और औद्योगिक संगठनों की तरफ से लगभग 1.5 लाख श्रमिकों की मांग प्रदेश सरकार से की गई है।
प्रवासी मजदूरों के जरिये ‘मेक इन यूपी’ को बढ़ावा
बता दें कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में कामगारों को पलायन करना पड़ा एयर इन कामगारों के सामने रोज़गार को लेकर बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं यूपी आये प्रवासी मजदूरों को रोज़गार उपलब्ध करवाने को लेकर योगी सरकार तमाम तरह की कोशिश कर रही है।