नई दिल्ली: Farmers Protest News: शनिवार को करनाल किसान आंदोलन के दौरान जो भी कुछ हुआ वो काफी निंदनीय है। देश के अन्न दाता और देश की प्रशासन दोनों ही आक्रोश में आकर नियमों का उलंघन कर बैठे, जिसकी निंदा आज पूरा देश कर रहा है। वही आंदोलन में जो कुछ भी हुआ उस पर आज यानि सोमवार को हरियाणा के सीएम खट्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रतिक्रिया दी हैं।
लोकतंत्र व्यवस्था को बहाल करना प्रशासन की ज़िम्मेदारी- सीएम खट्टर
बता दें, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “लोकतंत्र की व्यवस्था को बहाल करना प्रशासन और शासन की ज़िम्मेदारी होती है। तो आखिर किसी को हमारी मीटिंग का विरोध करने का क्या अधिकार है, कोई अधिकार नहीं है। बल्कि आंदोलनकारियों और प्रशासन के बीच एक समझौता हुआ था, कि हम जो अपना प्रदर्शन करेंगे लोकतांत्रिक तरीके से करेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि ,”इसमें उन्हें नारे लगाने की छूट है, काले झंडे दिखाने की भी छूट है, लेकिन किसी का रास्ता रोकना, या किसी के काम में व्यवधान डालना, ये उसमें कहीं नहीं है। इसके बाद ये घटना होना कि हम किसी को जाने नहीं देंगे वहां।”
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Farmers Protest News: अधिकारी का शब्दों का चयन सही नहीं
कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम ने यह भी कहा कि “लोकतंत्र की सुरक्षा करना शासन, प्रशासन, गवर्नर सबका काम है। उन्होंने कहा, “वहां पर सुरक्षा एजेंसियों को सब आदेश दिए जाते हैं कि यहां कोई भी आदमी आना नहीं चाहिए। उसे हर तरीके से रोकना है, जो वीडियो ऑडियो सुनी है, उसमें उस अधिकारी का शब्दों का चयन सही नहीं है, मगर मुझे ये मानने में कोई गुरेज़ नहीं कि सख्ती करना तो उनका काम है, लेकिन शब्दों का चयन संभलकर करना चाहिए था। जब कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए फोर्स काम करती है तो क्या- क्या नहीं होता है, सारी सख्ती प्रयोग की जाती है.”
डीजीपी इस घटना क्रम पर जांच कर रहे हैं
वहीं जब कॉन्फ्रेंस के दौरान कार्रवाई पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘पहले ये प्रशासन देखेगा कि हम बाद में देखेंगे, उन्होंने बताया कि डीजीपी इस पर जांच कर रहे हैं और रिपोर्ट के आधार पर जो करना होगा किया जाएगा, सीएम ने कहा कि शब्द नहीं बोलने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं है कि सख्ती नहीं बरतनी चाहिए थीं। लोकतंत्र बनाए रखने के लिए सख्ती तो करनी ही चाहिए थी।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने रविवार को कहा कि “एक IAS अधिकारी द्वारा किसानों के लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल निंदनीय है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दरअसल करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह पुलिसकर्मियों से प्रदर्शन कर रहे किसानों का ‘सिर फोड़ने’ के लिए कहते दिखाई दे रहे हैं।