नई दिल्ली: UP Election Commission: चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में सियासत काफी गरमायी हुई है। चुनाव को मद्देनज़र रखते हुए विपक्ष और योगी सरकार के बीच में काफ़ी घमासान भी चल रहा है। बीते दिनों समाजवादी पार्टी ने अपना वोट बैंक बढाने के लिए साइकिल यात्रा का भी आयोजन किया था। तो वही सीएम योगी सहित जेपी नड्डा ने आगरा में सभा की बैठक बुला कर चुनावी राजनीति तय की।
इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट हैक
उत्तर प्रदेश की उतार- चढ़ाव वाली सियासत के बीच चुनाव आयोग की ऐसी खबर सामने आयी जिसने सभी राजनेताओं की चिंता बड़ा दी। आपको बता दें, इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट हैक करने के अपराध में उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लिया है। युवक को पुलिस ने सहारनपुर जिले के सूबे से फर्जी आईडी कार्ड बनाने के अपराध में गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपी के घर से दो कंप्यूटर भी जब्त किए हैं। पुलिस ने यह भी बतया है कि आरोपी विपुल सैनी अपनी कम्प्यूटर की दुकान चलाता है। कथित तौर पर आरोपी ने इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट को हैक करके हजारों की संख्या में मतदाता पहचान पत्र बना चूका था। सैनी, आयोग की वेबसाइट में उसी पासवर्ड के जरिए लॉगइन करता था, जिसका इस्तेमाल इलेक्शन कमिशन के अधिकारी करते थे।
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मध्य प्रदेश के हरदा निवासी अरमान मलिक के लिए करता था काम
दरअसल, बीते दिनों चुनाव आयोग को साइट में कुछ गड़बड़ी का अंदेशा हुआ। जिसके बाद आयोग ने एजेंसियों को जाँच का आदेश दिया। जांच के दौरान एजेंसी के सामने विपुल सैनी का नाम आया। जिसके बाद सहारनपुर पुलिस को जानकारी दी गई, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सैनी को गिरफ्तार कर लिया है पूछताछ के दौरान विपुल ने बतया कि वो मध्य प्रदेश के हरदा निवासी अरमान मलिक के लिए काम करता है। उसके इशारे पर ही विपुल ने तीन महीने के अंदर 10 हजार से ज्यादा आईडी कार्ड बनाए दिए थे। जिससे विपुल को एक पहचान पत्र के बदले 100 से 200 रुपये मिलते थे।
जाँच के दौरान विपुल के बैंक अकाउंट खाते में 60 लाख की बड़ी रकम भी मिली है। हालांकि पुलिस अभी बैंक डिटेल्स को खंगाल रही है ताकि ये पता चल सके की इस फ्रॉड में कौन – कौन शामिल था।पूछताछ के बाद अब पुलिस आज उसे जांच एजेंसी कोर्ट में पेश करेगी और विपुल से पूछताछ के लिए न्यायिक हिरासत की मांग करेगी।