जनतंत्र डेस्क, Uttarakhand: उत्तराखंड में चल रहे राजनीतिक उठापटक और हर दिन हो रहे नए घटनाक्रम पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के वरिष्ठ नेताओं की निगाहें हैं। देहरादून से लेकर दिल्ली तक और दिल्ली से लेकर देहरादून तक दोनों ही पार्टियों के बड़े दिग्गज लगातार दौड़ भाग करने में जुटे हैं।
उत्तराखण्ड के नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कांग्रेस के सियासी उठापटक पर विराम लगाते हुए कहा कि कांग्रेस में अब सब कुछ ठीक-ठाक है। दिल्ली में राहुल गांधी के साथ उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं की मुलाकात हुई है। जिसमें आगामी 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए। जिसमें चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष के तौर पर हरीश रावत को जिम्मेदारी दी गई है।
बीजेपी के कलह पर तंज
नेता प्रतिपक्ष के मुताबिक, जबकि यह जिम्मेदारी हरीश रावत को पहले ही दी जा चुकी है। लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा अभी घोषित नहीं किया गया है। यानी कि उत्तराखंड कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बीजेपी में उठापटक पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश के मंत्री भी अपनी बात नहीं मनवा पा रहे हैं तो इससे साफ जाहिर होता है कि आम जनता अपनी समस्याओं का समाधान कैसे करा पाएगी। प्रीतम सिंह का कहना है, उत्तराखंड सरकार लगातार असंतुष्ट नेताओं को साधने में जुटी है। लेकिन उसके बावजूद भी गाहे-बगाहे सरकार के मंत्री नाराज हो जाते हैं।
बहरहाल चुनावों से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों में ही आतंरिक कलह किसी से छुपी नहीं है। जहां उत्तराखंड बीजेपी ने आलाकमान के सहयोग से मंत्री हरक सिंह रावत को मना लिया तो वहीं, शुक्रवार को कांग्रेस में हरीश रावत का मसला भी सुलझा नजर आया। लेकिन सवाल अभी कई बरकरार हैं चुनावों से पहले पार्टियां खुद का डैमेज कंट्रोल ही करती रही तो जनता का मसला कब सुलझेगा?