Uttarakhand Murder Case: पौड़ी गढ़वाल के NIT घाट पर हुआ अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार, जुटी लोगों की भीड़

Uttarakhand Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड से उत्तराखंड में बवाल मचा हुआ है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन के बावजूद भी लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को उत्तराखंड के श्रीनगर में लोग सड़कों पर उतर आए थे . लोगों ने सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की थी. लोग मांग पूरी होने तक अंतिम संस्कार न करने पर अड़े रहे थे. हालांकि काफी समझाने-बुझाने के बाद लोग माने. अंकिता भंडारी के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया था. पौड़ी गढ़वाल के NIT घाट पर हुआ अंकिता का अंतिम संस्कार.
Uttarakhand Murder Case: अंकिता हत्याकांड मामले में सीएम धामी का बयान

Uttarakhand Murder Case: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सभी कार्रवाई तय समय से हो रही हैं. जांच के लिए एसआईटी गठित हो गई है. उन्होंने अपनी जांच शुरू भी कर दी है. इस मामले में हर बिंदुओं पर जांच होगी. राज्य में इस तरह की घटना को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. हमने दोषियों को सजा दिलाने का संकल्प लिया है. हालांकि सीएम धामी के आश्वासन का असर लोगों पर नहीं दिखा . विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है.

Uttarakhand Murder Case: अंकिता की आखिरी व्हाट्सएप चैट में हुए कई खुलासे….. कहा- बहुत गंदा होटल है…. मैं यहां बहुत अनसिक्योर फील कर रही हूं…. मैं यहां काम नहीं करूंगी…..
Uttarakhand Murder Case: एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग

Uttarakhand Murder Case
Uttarakhand Murder Case: लोगों का सीधे तौर पर यह कहना है कि जब तक एक करोड़ रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी, तब तक वो अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे. वो चाहते हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद इस बात का लिखित में ऐलान करें कि एक करोड़ का मुआवजा अंकिता के परिवार को दिया जाएगा. इसके साथ ही सरकारी नौकरी भी अंकिता के परिवार से उसके भाइयों को दी जाएगी.
Uttarakhand Murder Case: परिवार वाले अंतिम संस्कार के लिए राजी

Uttarakhand Murder Case: वहीं एकत्रित भीड़ ने मोर्चरी के बाहर डेरा डाल रखा था, जिसकी वजह से पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी. अंकिता भंडारी के परिवार वाले सिर्फ ये चाहते थे कि विधि पूर्वक वो अपनी बेटी का अंतिम संस्कार कर सकें, लेकिन स्थानीय लोग और आसपास से आए गांव के लोग मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे थे. अब परिवार की मौजूदगी में अंतिम संस्कार पूरा हो गया है.