नई दिल्ली। फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव और जय गंगा माँ का शाही स्नान किया है। मइया के जयकारों के बीच हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर पुण्य की डुबकी लगाई। स्नान का क्रम रात 12 बजे के बाद से शुरू हो गया था, जो सुबह तक जारी रहा। सात बजे के बाद हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर आम श्रद्धालुओं के स्नान पर रोक लग गई और यह क्षेत्र अखाड़ों के संत महात्माओं के स्नान के निमित्त आरक्षित किया गया है।

महाशिवरात्रि और गंगा पूजन
आपको बता दे श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान और गंगा पूजन के साथ ही महाशिवरात्रि व्रत भी रखा और दान धर्म करके पुण्य कमाया। इस वर्ष यह पर्व धनिष्ठा नक्षत्र में हो रहा है। जिस का महत्व अपने आप में बहुत ही पुण्यदायी माना गया है। क्योंकि इस दिन बृहस्पतिवार के साथ-साथ शिव योग भी बन रहा है। जिसके कारण दिन महाशिवरात्रि का व्रत पूजन करने से भगवान शिव की आराधना में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी और अश्वमेध यज्ञ करने के समान फल प्राप्त होगा।

धार्मिक महत्व
ऐसा माना जाता है की सनातन संस्कृति और परंपरा अनुसार श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर काले तिलों के साथ स्नान किया। उसके बाद व्रत का पालन करते हुए भगवान शिव की विधिवत पूजा की। पूजन के समय शिव कथा और शिव सहस्रनाम स्तोत्र और शिव स्तोत्र आदि का पाठ किया। इस दौरान हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाट हर हर महादेव के जयकारों और शिव स्तोत्र के पाठ से गुंजायमान रहे।
महाशिवरात्रि व्रत : 100 साल बाद महाशिवरात्रि पर होगा विशेष फल योग
जिला प्रशासन की कड़ी व्यवस्था
आपको बता दे जिला प्रशासन ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गयी है। पुलिसकर्मी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं को अधिक देर रुकने नहीं दे रहे हैं। स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं की आरटी पीसीआर जांच के साथ ही थर्मल स्कैनिंग की जा रही है। साथ ही औचक जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग में एंटीजन जांच केंद्र भी बनाए गए हैं।