जनतंत्र टीवी ‘संवाद’ में EXCLUSIVE उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
जनतंत्र टीवी के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ‘कोरोना का बस एक ही विकल्प है – शारीरिक दूरी’। ‘हम कितनी दूरी बनाकर चल सकते हैं’ यही सबसे बड़ा मंत्र है कोरोना से बचने का। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब ये महामारी शुरू हुई तब हम लोगों ने बहुत अच्छे तरीके से अपनी सीमाओं पर स्क्रीनिंग किया और जो भी संदिग्ध लगे उन्हें क्वॉरेंटाइन किया गया।
मुख्यमंत्री रावत ने जमातियों पर निशाना साधते हुए कहा कि “शुरुआत में हमारे यहां विदेश से आए 2 से 3 के व्यक्ति में संक्रमण पाया गया था .उसके बाद एक के बाद एक जमात से जुड़े लोग सामने आए। हमने 1543 जमात से जुड़े लोगों को ढूंढा और एक- एक को क्वारंटाइन किया। यह हमारी बड़ी सफलता है कि हमने सबको क्वारंटाइन किया और जो संदेह में थे उनको आइसोलेशन में रखा गया। उनके टेस्टिंग के बाद उनकी पुष्टि कर हमने उन्हें इलाज़ के लिए भेजा।
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मुख्यमंत्री ने अपने तमाम कर्मचारियों और अधिकारीयों की तारीफ करते हुए कहा कि ‘हमारे पुलिस, हमारे आंगनबाड़ी ,हमारे आशा वर्कर से लेकर कर्मचारी और अधिकारी ने अहम भूमिका निभाई और इस बीमारी को गंभीरता से लिया।इसका परिणाम है कि हम इसे चिन्हित कर पाने में सफल हुए और इसके लिए सख्त कानून बनाया। 307 जैसी धाराएं का उपयोग किया और संदिग्ध लोगों को डरा धमका कर सामने लाए ताकि उनसे किसी और को ये संक्रमण न फैले।बाद में बाहर से आए कई लोगों में कोना का संक्रमण पाया गया जिनका इलाज़ किया गया या अब भी किया जा रहा है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा बॉर्डर बहुत स्ट्रांग है और हम वहीं से स्क्रीनिंग कर संदिग्ध को अलग कर लेते हैं। उसके कारण अभी तक हम कोरोना जैसी महामारी को रोकने में काफी हद तक सफल हुए हैं। साथ ही उत्तराखंड देश के टॉप 3 स्टेट में हैं जहाँ कोरोना संक्रमण कम है। चाहे मोर्तिलिटी रेट हो या , डबलिंग रेट हो या फिर रिकवरी रेट हो हम सब में टॉप पर हैं।