नई दिल्लीः Uttarakhand: उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दल-बदल जारी है। इसी क्रम में पुष्कर धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने अब बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया। यशपाल आर्य के विधायक बेटे संजीव आर्य ने भी विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल को इस्तीफा भेज दिया। वहीं, मंत्री के रूप में यशपाल आर्य ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया है। बीजेपी में बतौर मंत्री यशपाल आर्य के पास लगभग 6 विभाग थे। वे परिवहन समाज कल्याण आबकारी जैसे महत्वपूर्ण विभागों को देख रहे थे।
Uttarakhand: 20 दिन पहले ही तय हो गई थी रणनीति
यशपाल आर्य का इस्तीफा अचानक नहीं है। वे कई दिनों से नाराज चल रहे थे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उन्हें मनाने उनके घर पर भी गए थे। माना जा रहा है कि लगभग 20 दिन पहले यह बात तय हो गई थी कि 10 तारीख या 10 तारीख के बाद यशपाल आर्य कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। आखिरकार 11 अक्टूबर को यशपाल आर्य ने अपने बेटे संजीव आर्य के साथ बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में हाथ का साथ चुना। संजीव आर्य भी नैनीताल से विधायक हैं।
पिता-पुत्र की घर वापसी !
दरअसल, यशपाल आर्य और पुत्र संजीव आर्य पहले कांग्रेस में ही थे। जिसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे। दोनों नेताओं के कांग्रेस में फिर से शामिल होने को लेकर बीजेपी का कहना है कि ये एक सामान्य प्रक्रिया है। उनका कांग्रेस में जाना निजी कारण हो सकता है। उधर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी के तमाम नेता कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं और जल्द ही यह नजारा आपको देखने को मिलेगा।
वहीं, कांग्रेस में वापसी करने के बाद यशपाल आर्य ने कहा कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में एक बार फिर कांग्रेस के मंदिर में आया हूं। वहीं, कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव KC वेणु गोपाल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के महासचिव हरीश रावत समेत कई बड़े नेताओं ने यशपाल आर्य का पार्टी में स्वागत किया।
बहरहाल उत्तराखंड की सियासी फिजा बदल रही है। बीजेपी में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य का मंत्री पद छोड़ कांग्रेस में वापसी बड़े सवाल खड़े कर रही है। आगामी चुनाव को देखते हुए बीजेपी के लिए इसे बड़ा झटका माना जा सकता है।