जनतंत्र टीवी ‘संवाद’ में उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का झलका आत्मविश्वास
एडिटर इन चीफ के दिलचस्प और समसामयिक सवाल -उत्तराखंड की पानी और उत्तराखंड की जवानी उत्तराखंड के विकास में काम नहीं आई कहावत से कब निकलेगा उत्तराखंड ? मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बड़े हीं संजीदगी से कहते हैं कि “उत्तराखंड के दो भाग हैं एक पर्वतीय भाग है और एक नीचे की तराई और मैदान का भाग है। अगर हम तराई और मैदानी भाग को देखे तो यहां पर पलायन न के बराबर है ,या बहुत कम है।
पर्वतीय क्षेत्र की बात करें वहां पलायन का कारण है कि जो लैंड होल्डिंग है वह बहुत कम है सिंचाई के संसाधन बहुत कम है। क्योंकि नदियां बिल्कुल नीचे हैं और बहुत गहराई में है और खेत बहुत ऊंचाई पर है वहां तक पानी पहुंचा पाना बहुत कठिन काम है। और इसलिए खेती का या बागवानी का प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर करती है या प्रकृति पर निर्भर करती है
मुख्यमंत्री ने बताया है कि इस पलायन तीन कारण है –
रोजगार , शिक्षा और स्वास्थ्य
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के धनि जैव विविधता को लेकर कहा कि “हमने ग्रामीण विकास की दृष्टि से ग्रोथ सेंटर का विकास किया और अभी तक 88 ग्रोथ सेंटर हम बना चुके हैं। हमारे पास प्रकृतिक संसाधन है जंगलों में फल है, फूल है ,वनस्पतियां हैं, जिनसे औषधियां बनती हैं। दूसरी तरफ परंपरागत खेती है जैसे – अरोमा का उपयोग दैनिक जीवन में सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक किया जा रहा है।