उत्तराखंड: हरिद्वार शहर को मध्य फरवरी तक तारों के जंजाल से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी। इससे कुंभ के दौरान अखाड़ों की पेशवाई निकलने में दिक्कतें नहीं आएगी। 98 फीसद क्षेत्र में बिजली की लाइनों को भूमिगत कर आपूर्ति भी सुचारू कर दी गई है। जिन स्थानों पर काम पूरा हो गया है, वहां पुराने बिजली के खंभों और तारों को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
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11 केवी विद्युत लाइन
301 करोड़ रुपये की भूमिगत विद्युत लाइन परियोजना का कार्य अंतिम दौर में है। योजना के तहत शहर में 33 केवी की 43 किलोमीटर, 11 केवी की 92 किलोमीटर और एलटी की 80 किलोमीटर भूमिगत विद्युत लाइन डाली गई है। अब 33 केवी की विद्युत लाइन की चार्जिंग कार्य 100 फीसद पूरा हो चुका है। वहीं 11 केवी विद्युत लाइन का 96 फीसद कार्य पूरा हो चुका है, जबकि एलटी लाइन का भी केवल दो फीसद चार्जिंग कार्य शेष बचा है।
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भूमिगत विद्युत परियोजना
इसके साथ ही कनखल, अपर रोड, हरकी पैड़ी और भूपतवाला क्षेत्र में पुराने पोल से बिजली के तारों को हटाने का काम तेजी से चल रहा है। करीब 24 फीसद कार्य पूरा भी कर लिया गया है। भूमिगत विद्युत परियोजना के अधिशासी अभियंता (ईई) पवन कुमार ने बताया कि कमोबेश काम पूरा हो गया है। एलटी लाइन के साथ विद्युत खंभों को हटाया जा रहा है। फरवरी मध्य तक धर्मनगरी केबिल फ्री हो जाएगी। हालांकि जिन विद्युत पोलों पर स्ट्रीट लाइट लगी है, उसे फिलहाल नहीं हटाया जाएगा।