नई दिल्ली- भारत के लगभग 13 लाख डेबिट और क्रेडिट कार्ड की डीटेल्स बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। डार्क वेब पर अब तक का शायद सबसे बड़ा डेबिट क्रेडिट कार्ड कैसे है और इसमें से 98% भारतीय बैंकों के कार्डस् हैं। आज के जनरेशन में ज्यादा से ज्यादा लोग कार्ड यूज़ करते हैं। साइबर सिक्योरिटी फर्म के मुताबिक 13 लाख कार्ड डीटेल्स एक वेबसाइट पर मौजूद हैं। सूत्रों के मुताबिक इन कार्ड्स की डीटेल 100 डॉलर में बेची जा रही है।
हैकर्स आम तौर पर बल्क में कार्ड डीटेल्स खरीदते हैं और फिर इन्हें एक एक करके यूज करते हैं और सफल होने पर उन कार्ड्स में कुछ के अकाउंट्स खाली कर देते हैं। आपको बता दे कि कार्ड का सोर्स पता नहीं चल पाया है कि इसे कहां से लाया गया है। बताया जा रहा है कि शुरुआती एनालिसिस में ये बात सामने आ रही है कि ATM सिस्टम में इंस्टॉल किए स्किमिंग डिवाइस से कलेक्ट किए गए हैं।
स्किमिंग के बारे में बात करें तो ये एक तरीका है जिससे फ्रॉड कार्डहोल्डर की डीटेल्स कलेक्ट करते हैं। इस मेथड के तहत एक छोटा डिवाइस ATM मशीन में लगाया जाता है। वहीं सूत्रों के मुताबिक 12 लाख डेबिट क्रेडिट कार्ड की जो जानकारियां वेबसाइट पर अपलोड की गई हैं इनमें वो डेटा है जो पेमेंट कार्ड के मैग्नेटिक स्ट्रिप पर होता है। इस तरह का डेटा भी स्किमिंग मेथड के तहत कलेक्ट किया जा सकता है।
ये सभी भारतीय कार्ड डीटेल्स को जोकर स्टेटस पर अपलोड किया गया है, जो पेमेंट कार्ड डेटा के लिए पॉपुलर डार्क वेब डेस्टिनेशन है, यहां से फ्रॉड्स कार्ड्स की डीटेल्स खरीदते हैं और इसे ATM से पैसे निकालने के लिए कार्ड क्लोनिंग करते हैं ।इससे बचने के लिए कुछ गाइडलाइन्स हैं जो अक्सर बैंक आपको मैसेज या कॉल के जरिए बताते हैं।
किसी भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड को किसी एटीएम में यूज करने से पहले उस एटीएम की ठीक से जांच कर लें कि कहीं कोई डिवाइस अटैच नहीं है। सुनसान जगह के एटीएम या फिर ऐसा एटीएम जिसे देखकर आपको लग रहा है कि इसके साथ छेड़ छाड़ की गई है किसी तरह से नुकसान पहुंचाया गया है, तो इसमें ATM कार्ड न डालें।