नई दिल्ली- तीन तलाक को लेकर देश की सियासत एक बार फिर गर्माई हुई है। लोकसभा में पारित होने के बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2018 यानि ट्रिपल तलाक बिल का असली इम्तिहान आज राज्यसभा में होगा। तीन तलाक पर चर्चा से पहले राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ।
विपक्षी दल चर्चा चाहते हैं- कांग्रेस
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि तीन तलाक बिल बहुत ज्यादा अहम है। इस बिल से करोड़ों लोगों पर फर्क पड़ेगा। कांग्रेसी नेता ने कहा कि विपक्षी दल इस बिल पर चर्चा चाहते हैं। हंगामे के कारण राज्यसभा को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया है।
Ghulam Nabi Azad, Leader of Opposition in Rajya Sabha: This is such an important bill which can positively or negatively affect the lives of crores of people can't be passed just like this without going to a select committee. #TripleTalaqBill pic.twitter.com/YU6rNrXI0X
— ANI (@ANI) December 31, 2018
निचली सदन में हुआ पास
लोकसभा में सरकार के पास बहुमत होने के चलते यह विधेयक 245 मतों से पास हो गया, जबकि बिल के विरोध में 11 वोट पड़े थे। वहीं, कांग्रेस, एआईएडीएमके, समाजवादी पार्टी और डीएमके ने बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग करते हुए वॉक आउट कर दिया था।
कानून मंत्री पेश करेंगे बिल
बता दें कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद उच्च सदन में यह विधेयक पेश करेंगे। बीजेपी और कांग्रेस ने अपने राज्यसभा सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है। इस मुद्दे पर पार्टी की रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस के सांसदों की एक बैठक भी हुई। आज राज्यसभा में पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद के चैंबर में कांग्रेस सांसदों की बैठक होगी।
राज्यसभा का गणित
अगर राज्यसभा में संख्याबल की बात की जाए तो इस समय सदन में कुल 244 सदस्य हैं, जिसमें 4 सदस्य नामित हैं। राज्यसभा में बीजेपी की ताकत बढ़ी है, लेकिन वो इतनी नहीं हुई कि बिना विपक्ष के सहयोग से कोई बिल पास कराया जा सके। इस वक्त एनडीए के पास 97 सदस्य हैं, जिसमें बीजेपी के 73, जेडीयू के 6, 5 निर्दलीय, शिवसेना के 3, अकाली दल के तीन, 3 नामित सदस्य, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1, नागा पीपल्स फ्रंट के 1, आरपीआई के 1 सांसद शामिल हैं।
विपक्ष का पलड़ा भारी
जबकि संख्याबल के मामले में विपक्ष का पलड़ा सरकार पर भारी है। मौजूदा वक्त में विपक्ष के पास 115 सांसद हैं, जिसमें कांग्रेस के 50, टीएमसी के 13, समाजवादी पार्टी के 13, टीडीपी के 6, आरजेडी के 5, सीपीएम के 5, डीएमके के 4, बीएसपी के 4, एनसीपी के 4, आम आदमी पार्टी के 3, सीपीआई के 2, जेडीएस के 1, केरल कांग्रेस (मनी) के 1, आईएनएलडी के 1, आईयूएमएल के 1, 1 निर्दलीय और 1 नामित सदस्य शामिल हैं।