Maharashtra में राष्ट्रपति शासन : Congress ने केंद्र की मोदी सरकार पर उठाये सवाल
मुंबई : महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन को लेकर लंबी खींचतान के बाद आख़िरकार बीजेपी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद समय के साथ गहमागहमी बढ़ती ही गई। बीजेपी के इंकार के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी से सरकार गठन को लेकर बात की और इस तरह शुरु हुआ सियासी खेल। महाराष्ट्र में मंगलवार को दिनभर बैठकों का सिलसिला जारी रहने के बाद कोई भी पार्टी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच पाई। महाराष्ट्र में अगले 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लगा दिया गया है।
मंगलवार को Congress नेताओं का एक दल NCP प्रमुख शरद पवार से सरकार गठन को लेकर बातचीत हुई थी। एक दौर की चर्चा होने के बाद एनसीपी और कांग्रेस ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना रुख स्पष्ट किया और कहा कि पहले हम आपस में बात करेंगे उसके बाद Shiv Sena से बात होगी।
Maharashtra में Congress ने राष्ट्रपति शासन की आलोचना की। अहमद पटेल ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा केंद्र ने कभी नियमों का पालन ही नहीं किया है और कई राज्यों में अपनी मनमानी की है। वहीं राज्यपाल की ओर से Maharashtra में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को न्योता न देने पर भी नाराजगी जताई
वहीं राष्ट्रपति शासन लगने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने Press conference करके कहा कि हम अभी भी सरकार बना सकते हैं, हमें थोड़ा वक्त चाहिए। NCP – Congress से बात चल रही है। राष्ट्रपति शासन लगने पर उद्धव ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा कि राज्यपाल महोदय इतने दयालु हैं कि हमें अब 6 महीने का वक्त दे दिया है। उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि “बीजेपी ने सीएम का पद देने का वादा किया था जो नहीं निभाया।उन्होंने ये बताने की कोशिश की कि हम झूठे हैं।