नई दिल्ली। अमेरिकी सरकार की ओर से एच-1 बी वीजा पर जारी अटकलों पर एक खास बयान आया है बयान में सरकार ने कहा है की उनके पास उन देशों के लिए एच-1 बी वर्क वीजा पर कैप लगाने की कोई योगना नहीं बनाई है। जो स्थानीय स्तर पर डेटा स्टोर करने पर विदेशी कंपनियों को मजबूर करते हैं। किसी भी विशिष्ट देश को टारगेट करते हुए यह समीक्षा नहीं बनाई गई है साथ ही किसी तरह की कोई कैप लिमिट अमेरिकी सरकार द्वारा नहीं बनाई गई है।
साथ ही अमेरिका के अनुसार लोकल स्तर पर विदेशी कंपनियों को डाटा स्टोर करने पर मजबूर करने वाले देशों पर एच1बी वर्क वीजा पर कैप लगाने की कोई योजना नहीं है। एच1 बी वीजा पर भारत को लेकर अमेरिका ने कहा हैं कि बनाई गई नीति भारत के साथ डेटा के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने को चल रही हमारी चर्चाओं से पूरी तरह से अलग है। ऐसे मे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत के दौरे पर आने वाले हैं उसी दौर मे यह फैसला लिया जा रहा है।
ज़्यादा टैक्स भुगतान की घोषणा
जानकारी के अनुसार बदले की भावना को लेकर अमेरिका ऐसे करने जा रहा है। अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ वॉर के चलते दोनों के संबंधों पर तलखी आ रही है। बीते रविवार को भारत ने अमेरिका के सामानों पर ज़्यादा टैक्स भुगतान की घोषणा की है। अमेरिका द्वारा भारत को व्यापार मे मिलने वाली कुछ छूटों को खारिज कर दिया था। बुधवार को अमेरिका ने भारत के दो सीनियर अधिकारियों को वीजा पाबंधी को लेकर जानकारी दी है। जानकारी के अनुसार हर साल केवल 10 -15 फीसदी भारतीय लोगों को ही एच1 बी वीज़ा दिया जाएगा। करीब 85000 लोगों को अमेरिका एच 1 बी वीज़ा देता है उसमे से 70 फीसदी वीज़ा भारतीय नागरिकों को मिलता है।