Children’s Day के दिन सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा तीन अहम फैसले, देश भर की टिकी निगाहें
नई दिल्ली : 14 नवंबर (Children’s Day) एक खास दिन है, यह तो हम सभी जानते हैं, लेकिन यह दिन और खास होने वाला है। क्योंकि कल यानि 14 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट तीन अहम फैसले सुनाने वाला है। ये तीन फैसले कुछ इस प्रकार हैं- सबरीमाला, राहुल के ऊपर मानहानी केस और राफेल मामला।
सबरीमाला-राफेल मामलों में कौन सी बेंच देंगी फैसला ?
- गुरूवार सुबह 10:30 बजे आएगा सबरीमाला का फैसला
- CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ सुनाएगी फैसला
- बेंच में CJI के साथ जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल
- राफेल जांच पुनरविचार मामले की अध्यक्षता CJI करेंगे
- CJI के साथ जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ सुनाएंगे फैसला
क्या है सबरीमाला विवाद ?
- सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति नहीं थी
- महिलाओं ने इस परंपरा के खिलाफ आंदोलन किया और मामला SC तक पहुंचा
- 28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सबरीमाला में महिलाओं को गैर-धार्मिक कारणों से प्रतिबंधित किया गया
- पीरियड्स की आड़ लेकर लगाई गई पाबंदी महिलाओं की गरिमा के खिलाफ है
- पितृसत्ता के नाम पर समानता के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गयी पुनरविचार याचिका
क्या है राफेल विवाद ?
- राफेल विमान डील में कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया गड़बड़ी का आरोप
- सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 को सुनाया राफेल पर फैसला
- फैसले में राफेल डील को तय प्रक्रिया के तहत होना बताया
- कोर्ट ने उस वक्त डील को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं
- 2019 में राफेल मामले में लीक दस्तावेजों के आधार पर दायर हुई पुनर्विचार याचिका
- पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने पुनर्विचार याचिका दायर की
- हालांकि धारा 123 के तहत विशेषाधिकार वाले गोपनीय दस्तावेजों को पुनर्विचार याचिका का आधार नहीं बनाया जा सकता
तो ये वो तीन मामले हैं जिनपर पूरे देश की नजर लगातार बनी हुई है। CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता में दोनों ही मामलों पर फैसला आना लगभग तय है। गौरतलब है 18 नवंबर को चीफ जस्टिस गोगोई रियाटर होने वाले हैं। इससे पहले CJI ने कहा था कि वे अपने रिटायरमेंट से पहले अयोध्या समेत कई अहम मामलों में फैसला सुना देंगे।