कोलकाता यूनिवर्सिटी के प्रवेश फार्म में होगा थर्ड जेंडर का विकल्प
नई दिल्ली : University of Calcutta में अब अगले शैक्षणिक सत्र से पोस्ट ग्रेजुएशन और अंडर ग्रेजुएशन के फार्म में थर्ड जेंडर का आप्शन भी रहेगा। बता दें कि इसकी जानकारी कुलपति सोनाली चक्रवर्ती ने शुक्रवार को पीटीआई को दी है। इसके साथ ही बता दें कि फार्म में इस विकल्प को लाने का फैसला यूजीसी के द्वारा दी गई नोटिस आने के बाद ही लिया गया है।
University of Calcutta में क्या कहा गया है ?
बता दें कि नोटिस में कहा गया है कि “ भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार ट्रांसजेंडर को यूजीसी की विभिन्न छात्रवृत्ति/फैलोशिप योजनाओं के तहत तीसरे लिंग के रूप में शामिल किया जाएगा।” सोनाली चक्रवर्ती ने कहा कि विश्वविद्यालय को भी इस चीज़ का अहसास हुआ कि लिंग के आधार पर कोई ऊंच नीच नही होना चाहिए।
2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ऐतिहासिक फैसला
बता दें कि साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए किन्नरों को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी थी, जिसके बाद किन्नरों के समाज में समान भागीदारी का का सपना पूरा हो गया। आपको ये भी बता दें कि किन्नरों को ऐसा दर्जा देने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने किन्नरों को शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केंद्र एवं राज्यों को जरूरी निर्देश दिए थे, जिसके बाद से ही राज्य वो केंद्र सरकार इन निर्देशों का पालन कर रही है।
अदालत का कहना था कि ये समुदाय सामाजिक रूप से पिछड़ा हुआ है। कोर्ट ने कहा है कि किन्नर इस देश के नागरिक हैं और उन्हें भी शिक्षा, काम पाने और सामाजिक बराबरी हासिल करने का पूरा हक़ है। कोर्ट ने कहा कि वो किन्नरों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर चिंतित है। कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद किन्नरों को पिछड़े वर्गो की श्रेणी में गिना जाएगा और इसके तहत उन्हें आरक्षण और दूसरी तरह की सुविधाएं हासिल होंगी।