हादसे में 141 मौतें, 70 घायल और 50 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
Gujarat Morbi Bridge Collapse: रविवार शाम गुजरात के मोरबी में मच्छू नदी पर बने केबल पुल के टूटने से एक बड़ा हादसा हो गया, हादसे में महिलाओं और बच्चों सहित 141 लोगो के मरने और 50 लोगो के लापता होने की जानकारी सामने आयी है। जानकारी के मुताबिक हादसे में 70 लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों के जांचानुसार हादसे में मरने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, जिसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल NDRF की पांच टीमें, वायुसेना और नौसेना की भी दो टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। दमकल बचाव अधिकारी ने बताया है, कि वे बचाव कार्य में लोगो को नदी से निकालने के लिये नावों की मदद ले रहे हैं। हादसे के चलते गुजरात की सरकार ने मोरबी शहर में केबल पुल टूटने की घटना पर जांच के आदेश दिये हैं, जिसके लिये गुजरात सरकार ने विशेष जांच दल SIT का गठन किया है। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार अब तक 45 बच्चों के शव बरामद किए जा चुके हैं जो, कि मरने वालों की कुल संख्या का करीब 70 फीसदी आंकड़ा है।
100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर मौजूद थे, 400 से ज्यादा लोग ।
Gujarat Morbi Bridge Collapse: मिली जानकारी के मुताबिक, इस पुल की क्षमता करीब 100 लोगों की ही थी, लेकिन फिर भी गैरजिम्मेदारा तरीके से इस पुल पर 100 से कई ज्यादा लोगों को जाने की अनुमती दे दी गयी। बता दें, इस पुल पर जाने के लिए करीब 15 रुपये की फीस भी लगती है। ऐसे में कहा जा रहा है, कि दिवाली के बाद वाले वीकेंड पर कमाई के लालच में इस पुल को बिना फिटनेस जांच के ही खोल दिया गया, जिसके लिये जाँच के चलते ओरेवा ग्रुप पर सवाल उठ रहे हैं। घटना दौरान उपस्थित लोगो की दी जानकारी के मुताबिक, घटना के वक्त करीब 400 से 500 लोग पुल पर थे। ऐसे में भारी भीड़ का बोझ पुल सह नहीं पाया और टूट गया।
एक सदी पुराना था, मोरबी में मच्छू नदी पर बना केबल पुल
Gujarat Morbi Bridge Collapse: अधिकारियों के अनुसार यह पुल करीबन एक सदी पुराना बताया जा रहा है और हाल ही में हुई मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद, इसे जनता के लिए खोला गया था। अधिकारियों ने बाताया, कि नवीनीकरण कार्य के बाद जनता के लिए ये पुल चार दिन पहले ही खोला गया था। उन्होंने बताया, कि पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे टूटा है। बता दें, कि मोरबी में मच्छू नदी पर बने इस हैंगिंग ब्रिज का निर्माण मोरबी राजवंश के शासक सर वाघाजी ठाकोर ने आज से लगभग 150 साल पहले करवाया था, जिसकी लंबाई 233 मीटर थी और यह 4.6 फीट चौड़ी थी।