नई दिल्ली- हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सत्ता से अब कुछ ही दूर रह गई है। ऐसे में हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा फिर चर्चा में आ गए हैं। विधायक बन चुके गोपाल कांडा ने बीजेपी को सपोर्ट करने का ऐलान किया है।
गोपाल कांडा हरियाणा की राजनीति का एक चर्चित और विवादित शख्सियत हैं एक छोटे शॉपकीपर से लेकर एयरलाइंस के मालिक बनने तक का उनका सफर काफी कठिन रहा है। वहीं बात अभी की करे तो उन्होंने बीजेपी को हाथ थाम लिया हैं। कांडा का पूरा नाम गोपाल गोयल कांडा है। 54 वर्षीय कांडा हरियाणा के सिरसा जिले के बिलासपुर गांव के रहने वाले हैं।
उनके पूर्वज सिरसा के एक थोक बाजार में सब्जियों की तौल करते थे। इस कारोबार की वजह से उनके परिवार को ‘कांडा’ सरनेम मिला। असल में वहां के व्यापारी स्थानीय भाषा में लोहे के बाट को ‘कांडा’ कहते हैं हालांकि, कांडा के पिता मुरलीधर कांडा सिरसा के एक सफल वकील और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। एक टाइम में तो कांडा की हालत इतनी खराब हो गई थी कि वे चंदा मांगने तक मज़बूर हो गए थे।
वहीं सूत्रों के मुताबिक कांडा जूता बनाने का कारोबार करते थे, लेकिन यह कारोबार सफल नहीं रहा और कांडा भारी कर्ज बोझ से लद गए। उन्होंने एक म्यूजिक शॉप भी खोला जो चल नहीं पाया। इसके बाद उन्होंने जूते का एक शोरूम खोला, लेकिन उनके पास पैसे की इतनी तंगी थी कि उन्होंने लोगों से 100-100 रुपये तक का चंदा मांगा। वहीं धीरे धीरे इनकी स्थिति ठीक होती गई। इसके बाद कांडा की वैल्यू लगातार बढ़ती गई और उनका रियल एस्टेट कारोबार हिसार, गुड़गांव से लेकर उत्तर भारत के कई शहरों तक फैल गया।
साल 2008 में उनके कई ठिकानों पर इनकम टैक्स के छापे भी पड़े थे। फिर उन्होंने गुड़गांव से एयरलाइंस की शुरुआत की, यह वहीं एयरलाइंस है जिसमें गीतिका शर्मा एयर होस्टेस थी। इस एयरलाइंस का नाम उन्होंने अपने पिता के नाम ‘मुरलीधर लेखा राम’ के नाम पर रखा था। हालांकि उनके विवादों में फंसने के बाद साल 2009 में एयरलाइंस का कामकाज बंद हो गया। इसके बाद उन्होंने साल 2009 से राजनीति में कदम रखा।
एक सफल कारोबारी बनने के बाद उनके कई राजनीतिक दलों के नेताओं से करीबी संपर्क बन गए थे। साल 2009 में जब इंडियन नेशनल लोकदल ने गोपाल कांडा को टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय चुनाव लड़े। वह 6,521 वोटों से चुनाव जीत गए। उनकी इस जीत के बाद उनकी तकदीर बदली और वह राज्य की सत्ता में किंगमेकर बन गए।
हरियाणा के कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने उन्हें अपने पाले में किया, क्योंकि 90 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ 40 सीट पाने की वजह से कांग्रेस को अन्य विधायकों के समर्थन की जरूरत थी। लेकिन अब उन्होंने बीजेपी का समर्थन करने का ऐलान किया हैं और सत्ता पाने की पूरी कोशिश में हैं।