Data Scientist बना 7वीं क्लास का छात्र, सॉफ्टवेयर कंपनी में करता है काम
नई दिल्ली : बच्चे अपने जिज्ञासु मन को नई उड़ान देकर वह सब कर रहे हैं, जो कई बार कल्पना से परे होता है। तेलंगाना के रहने वाले 12 साल के सिद्धार्थ श्रीवास्तव (Siddharth Srivastava) ने भी ऐसा कुछ किया है। सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने अपने कारनामे से अनोखा कीर्तिमान रचा है। सिद्धार्थ एक डाटा साइंटिस्ट (Data Scientist) बन गए है। सिद्धार्थ को सॉफ्टवेयर कंपनी मोंटैजीन स्मार्ट बिजनेस सॉल्यूशंस (Montagin Smart Business Solutions) ने अपने यहां जॉब दी है। इतनी कम में यहां तक पहुंचने के लिए सिद्धार्थ अपने परिवार के लगातार प्रोत्साहन को श्रेय देते हैं।
12 साल की उम्र में बना Data Scientist
तेलांगना का सिद्धार्थ बाकी बच्चों जैसा बिलकुल नहीं है। जी हां, तेलांगना में सातवीं कक्षा के छात्र सिद्धार्थ श्रीवास्तव पिल्लै ने आम लड़कों से हटकर कुछ अलग किया। जिस उम्र में दुनिया भर के बच्चे खेल कूद में मशगूल रहते हैं उस उम्र मे सिद्धार्थ एक साइंटिस्ट बन गए है। महज 12 साल की उम्र में सिद्धर्थ ने अनोखा कीर्तिमान रचा है। उसे डॉटा साइंटिस्ट के तौर पर एक आईटी कंपनी ने अपने यहां नौकरी पर रखा है।
सॉफ्टवेयर कंपनी ने दी Data Scientist की जॉब
सिद्धार्थ को सॉफ्टवेयर कंपनी मोंटैजीन स्मार्ट बिजनेस सॉल्यूशंस ने अपने यहां जॉब दी है। सिद्धार्थ की माने तो उन्हें साइंटिस्ट बनने की प्रेरणा तन्मय बख्शी से मिली है। वही तन्मय बख्शी जिसे बहुत कम उम्र में ही गूगल में एक डिवेलपर के रूप में जगह मिल गई थी। तन्मय बख्शी के नक्शे कदम पर चल कर सिद्धार्थ आज यहां तक पहुंच गए। हालाँकि इसके पीछे उनके पिता ने खूब मेहनत की है। उन्होंने बचपन से ही उसे कोडिंग सिखाई है।
तेलांगना के साथ देश का नाम किया रौशन
महज 12 साल की उम्र के सिद्धार्थ ने तेलांगना के साथ देश का नाम रौशन किया है। हैदराबाद के लोग सिद्धार्थ की काबिलियत की मिसाल पेश कर रहे हैं। वहीं सिद्धार्थ ने बताया कि मैं श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल्स में 7वीं का स्टूडेंट हूं। सॉफ्टवेयर कंपनी जॉइन करने के पीछे मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा तन्मय बख्शी हैं। उन्हें बहुत कम उम्र में ही गूगल में एक डिवेलपर के रूप में जगह मिल गई थी। अब वह दुनिया को यह समझने में मदद कर रहे हैं कि आर्टिफिशल इंटेजिलेंस (एआई) क्रांति कितनी सुंदर चीज है।