केसरिया रंग में रंगे शौचालय को मंदिर समझ बैठे लोग, करने लगे पूजा-अर्चना
नई दिल्ली : यह तो हम सभी जानते हैं कि हमारे भारत में धर्म को लोग काफी महत्व देते हैं। लेकिन किसी रंग को देखकर उसे मंदिर मान लिया जाए तो यह बात थोड़ी अजीब लगती है। धर्म के प्रति आस्था और विश्वास सही है, लेकिन यही आस्था और विश्वास अगर अन्धविश्वास में तब्दील हो जाये, तो फिर धर्म के नाम पर सिर्फ पाखंड ही होता है। कुछ ऐसा ही हुआ, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में, जहाँ केसरिया रंग से रंगे शोचालय को वहां के निवासी उसे मेदिर समझ बैठे।
कहा जा रहा है कि हमीरपुर के मौदह निवासी करीब एक साल से भवन के दरवाज़े के बाहर पूजा कर रहें थे। जानकारी के मुताबिक अदंर ना तो कोई मूर्ति है और न ही कोई मंदिर है। बताया जा रहा है कि केसरिया रंग के साथ ही भवन को मंदिर का आकार भी दिया गया था। खास बात यह है कि शौचालय का उद्घाटन एक साल पहले हो चुका था और अब तक वहां ताला लगा था।
लोगों को इसकी कोई जानकारी नही थी कि अदंर शौचालय है और इसी कारण लोग वहां दरवाज़े के बाहर पूजा करते रहे। इसकी जानकारी लोगों को तब हुई जब वहां के एक अधिकारी ने यह बताया कि अंदर एक शौचालय है। इस घटना के बाद शौचालय का रंग गुलाबी कर दिया गया।