नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के मेरठ में कोरोनावायरस संक्रमण के गंभीर मरीजों के जीवनरक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि गुरूवार को एक मरीज की मौत हो गई थी. उसको रेमडेसिविर की जगह शीशी में पानी भरकर लगा दिया था. इस कारण से उसे रेमडेसिविर का इंजेक्शन नहीं मिल पाने से मरीज की गुरूवार को मौत हो गई।
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मरीज को लगाया पानी का इंजेक्शन
बता दें की सुभारती मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड स्थित सेकेंड फ्लोर पर गाजियाबाद के कविनगर निवासी शोभित जैन भर्ती थे. शोभित जैन को रेमडेसिविर का इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता थी. जिसे लेकर पहले तो परिवार ने कड़ी मशक्कत की, बाद में जब मिला तो तुरंत ही कर्मचारियों को दे दिया।
जिसके बाद से दो कर्मचारियों ने बड़ा हेरफेर करते हुए रेमडेसिविर की जगह डिस्टल वाटर शीशी में भरकर लगा दिया और रेमडेसिविर इंजेक्शन को बचा लिया. जिसका नतीजा यह हुआ की मरीज की जान नहीं बच सकी और गुरूवार को शोभित जैन की की सांसे थम गई।
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मेरठ में कालाबाजारी नेटवर्क
पुलिस ने बताया कि इस मामले में कुल आठ लोगों को पकड़ लिया गया है. इसमें छह गार्ड समेत दो कर्मचारी हैं. वहीं सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल भटनागर व उनके बेटे समेत कुल दस लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पूछताछ में दो कर्मचारियों ने डिस्टिल वाटर लगाने की बात कबूली है.एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि सुभारती में रेमडिसिवर की कालाबाजारी में बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था. उसके बाद इंजेक्शन को बाहर ब्लैक में 25 हजार का बेचा जा रहा था. इसी के चलते एक मरीज शोभित जैन की मौत भी हो चुकी है।