नई दिल्ली : केंद्र में दुबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली बीजेपी को लेकर अब विपक्षी पार्टियों का भी नजरिया बदलने लगा है. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विपक्ष द्वारा पीएम मोदी पर जमकर हमले किये गए और उन्हें खलनायक की तरह पेश किया गया, लेकिन चुनाव में विपक्ष के आरोपों को दरकिनार कर जनता ने जिस तरह से मोदी अपना विश्वास जताया, उसने विपक्ष को सोचने पर मजबूर कर दिया है. अब कांग्रेस के दो नेताओं ने विपक्ष द्वारा पीएम मोदी को खलनायक की तरह पेश करने के तरीकों पर आपत्ति जताई है और कहा है कि अगर विपक्ष इसी तरह पीएम मोदी को खलनायक की तरह पेश करना उन्हें फायदा ही पहुंचाएगा.
दरअसल पहले कांग्रेस के बड़े नेता जयराम रमेश ने कहा था कि पीएम मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है. उन्होंने कहा कि हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है. इसका फायदा विपक्ष को कम और खुद मोदी को ही ज्यादा होगा.
वहीं जयराम के बयान का हवाला देते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है। सिर्फ इसलिए नहीं कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं, बल्कि ऐसा करके एक तरह से विपक्ष उनकी मदद करता है।’ सिंघवी ने कहा, ‘काम हमेशा अच्छा, बुरा या मामूली होता है। काम का मूल्यांकन व्यक्ति नहीं बल्कि मुद्दों के आधार पर होना चाहिए। जैसे उज्ज्वला योजना कुछ अच्छे कामों में एक है।
राजनीतिक विश्लेषक कपिल सतीश कोमीरेड्डी की किताब ‘मालेवॉलेंट रिपब्लिक: ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द न्यू इंडिया’ का विमोचन करते हुए जयराम रमेश ने कहा था कि मोदी का शासनकाल सिर्फ नकारात्मक चीजों की गाथा नहीं है, बल्कि कुछ ऐसे भी काम हुए है, जिसके कारण जनता का उनसे जुड़ाव बढ़ा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष को भी ये समझना होगा कि जिस आधार पर जनता उन्हें सराह रही है, उन्हें भी उन चीजों को लेकर जनता के बीच जाना चाहिए.