लखनऊ : यूपी में क्राइम का ग्राफ हमेशा से ही ऊपर रहा है। हालाँकि सभी सरकारें कानून का राज स्थापित करने के दावे जरूर करती है, लेकिन ये सिर्फ कहने की बातें होती है। सभी सरकार के कार्यकाल में बेलगाम अपराधी कानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाते रहते हैं और पुलिस प्रशासन घटना के बाद लकीर पीटती ही नज़र आती है। लेकिन इन सबसे इतर यूपी में एक ऐसा थाना भी है, जहाँ बीते 19 सालों में सिर्फ दो मुकदमें दर्ज़ हुए हैं। आंकड़े सामने आने के बाद जहाँ आम इंसान हैरान है, वहीँ पुलिस विभाग भी हैरत में है।
दरअसल ये थाना है यूपी के जनपद एटा का। एटा के जीआरपी थाने की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी। 2001 से पहले यहाँ जीआरपी की चौकी थी, जिसमें महज़ चार पुलिसकर्मी कार्यरत थे, लेकिन थाना बनने के बाद एक प्रभारी, एक हेड कांस्टेबिल सहित आठ कर्मियों की तैनाती कर दी गई। इसी थाने में 2001 से लेकर अब तक सिर्फ 2 एफआईआर दर्ज़ हुए हैं। हालाँकि जीआरपी थाना पूरी तरह से शांतप्रिय माहौल होने का दावा कर रहा है।
इस थाने में पहली एफआईआर 2016 में तब दर्ज़ हुई, जब ट्रेन के बोगी में शव मिला था। वहीँ दूसरी एफआईआर 2019 में तब दर्ज़ हुई जब कुछ अराजक तत्वों ने गेटमैन के साथ मारपीट की। एटा को सामान्यतः अपराधग्रस्त जिले के रूप में जाना जाता है, लेकिन जीआरपी थाने में दर्ज़ एफआईआर के आंकड़े अलग ही कहानी बयां कर रही है। थाने में दर्ज़ आपराधिक मामलों की सूची के अनुसार एटा से टूंडला तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेन 2001 से लेकर अब तक किसी भी तरह की लूट-चोरी की वारदात तक नहीं हुई है।