Rafael पर सरकार को ‘सुप्रीम’ क्लीन चिट, रविशंकर प्रसाद का राहुल गाँधी पर हमला
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील (Rafael Deal) पर जांच के लिए याचिका दायर की गई थी। पिछले साल 4 दिसंबर 2018 में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण समेत कई लोगों ने सवाल उठाते हुए जांच की मांग की थी। लेकिन इस पूरे मामले की जांच होने के बाद रिव्यू पिटिशन को खारिज कर दिया गया है। इसी के साथ राफेल डील पर कोर्ट से क्लीन चिट मिलने से नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ी राहत मिल गई है । ऐसे में अब राफेल डील पर हमेशा के लिए सवाल उठाने वालों की गुंजाइश बिल्कुल खत्म कर दी गई है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सहित कई विपक्ष दल के नेताओं ने इसको चुनाव का बड़ा मुद्दा बनाते हुए मोदी सरकार को घेरा था।
कोर्ट ने केंद्र सरकार की दलीलों को तर्कसंगत और पर्याप्त माना
आज सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने केंद्र सरकार की दलीलों को तर्कसंगत और पर्याप्त माना और कहा मामले की मेरिट को देखते हुए संदेह की अब गुंजाइश नहीं है। ऐसे में कोर्ट ने कहा कि दुबारा जांच के लिए आदेश देने की जरूरत नहीं है। बता दें कि राफेल डील प्रक्रिया के दौरान सरकार पर इंडियन ऑफसेट पार्टनर के चयन में भारतीय कंपनी को फेवर किए जाने का आरोप लगा था। इस मामले की जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के 4 दिसंबर 2018 के आदेश पर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण समेत अन्य लोगों की ओर से पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की गई थी।
‘लीक’ दस्तावेजों के हवाले से याचिकाकर्ताओं ने लगाए थे आरोप
याचिकाकर्ताओं ने ‘लीक’ दस्तावेजों के हवाले से आरोप लगाया गया था कि राफेल डील में पीएमओ ने रक्षा मंत्रालय को बगैर भरोसे में लिए अपनी ओर से बातचीत की थी। प्रशांत भूषण ने कहा था कि केंद्र सरकार ने कई फैक्ट सुप्रीम कोर्ट से छुपा रखे है और दस्तावेज दिखाते हैं कि पीएमओ ने पैरलल बातचीत की थी और यह गलत है। पहली नजर में मामला संज्ञेय अपराध का बनता है और ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का पुराना जजमेंट कहता है कि संज्ञेय अपराध में केस दर्ज होना चाहिए। इस मामले में भी संज्ञेय अपराध हुआ है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में जांच का आदेश देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि मामले में पहली नजर में कोई संज्ञेय अपराध नहीं हुआ है। साथ ही पीएमओ ने कोई समानांतर नेगोशियेशन नहीं की थी। इस तरह से मामले में याचिकाकर्ता ने लीक हुए दस्तावेज के आधार पर रिव्यू पिटिशन दाखिल की है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।
रविशंकर प्रसाद ने राहुल गाँधी पर बोला हमला
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राफेल डील मामले पर रिव्यू पिटिशन को खारिज किए जाने के बाद मोदी सरकार को बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद अब राफेल डील मामले को लेकर विपक्ष के पास मोदी सरकार पर हमला करना का कोई विकल्प नहीं बचा है। राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी ने देश की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, उनको गुमराह किया। अब उन्हें देश से माफी भी मांग लेनी चाहिए, क्योंकि रफाल पर सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से बचने के लिए तो राहुल गांधी ने माफी मांग ली है। लेकिन देश की जनता के सामने क्या करेंगे। उनसे माफी कब मांगेंगे ?