Jharkhand में चुनाव से ठीक पहले पुष्टाहार योजना में बदलाव पर बवाल
नई दिल्ली : Jharkhand Election से ठीक पहले सरकार द्वारा पुष्टाहार योजना में बदलाव का निर्णय अब राजनीतिक मुद्दा बन गया है। झारखण्ड में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM) -कांग्रेस (Congress) गठबंधन ने इसपर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आचार संहिता (Election code of conduct) से ठीक पहले इस योजना में बदलाव एक जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है और इससे घोटाले की बू आ रही है।
झारखण्ड सरकार ने बीते 28 अक्टूबर को आंगनबाड़ी पुष्टाहार योजना में एक बड़ा बदलाव लाते हुए RTE यानी की रेडी टू ईट की जगह THR यानी की टेक होम राशन की व्यवस्था की है। इसके लिए सरकार और JSLPS के बीच एक MOU पर हस्ताक्षर हुआ। ये पुष्टाहार अब JSLPS यानी की झारखण्ड स्टेट लाइवली हुड प्रमोशन सोसाइटी के जरिये किया जाएगा। महीने में महिलाओं और बच्चों को 25 दिन राशन देने का प्रावधान है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले झारखण्ड सरकार के इस निर्णय से कई सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे पहले हम आपको ये बताते हैं कि पुष्टाहार योजना में महिलाओं के लिए पहले क्या व्यवस्था थी।
⦁ गर्भवती महिलाओं-धारणीय महिलाओं और बच्चों के लिए Ready-To-Eat मील देने का प्रावधान था।
⦁ मील में आटोमेटिक प्लांट में तैयार पंजीरी और उपमा दिया जाता था।
⦁ खाने में विटामिन्स और मिनरल्स भी मिलाया जाता था।
⦁ नॉर्मल महिलाओं को महीने में 6 पैकेट उपमा देने का प्रवाधान था।
⦁ कुपोषित बच्चों को महीने में 9 पैकेट पंजीरी दी जाती थी।
⦁ पुष्टाहार योजना में बदलाव के बाद Take Home Ration की व्यवस्था की गयी है, जिसमें महिलों को कुल 320 ग्राम राशन डेली का प्रावधान किया गया है।
महिला
- चावल – 100 ग्राम
- अरहर दाल 30 ग्राम
- भूनी मूंगफली 40 ग्राम
- ईख का गुड़ 25 ग्राम
- आलू 125 ग्राम
वहीं 7 महीने से 3 साल के बच्चों के लिए कुल 240 ग्राम प्रति दिन राशन देने का प्रावधान किया गया है। बच्चों को प्रतिदिन-
- चावल 50 ग्राम
- अरहर दाल 30 ग्राम
- भूनी मूंगफली 30 ग्राम
- ईख का गुड़ 30 ग्राम
- आलू 100 ग्राम
इस पूरे मामले पर जब JantantraTV ने जिला समाज कल्याण अधिकारी से बात की, तो उन्होंने बताया कि ये बदलाव अभी कुछ ही समय पहले हुआ है। रांची के कुल 2832 आंगनबाड़ी सेंटर्स में से 251 सेंटर्स पर बदली व्यवस्था के तहत राशन का वितरण किया गया। ये सरकार का फैसला है और इस व्यवस्था में क्या ड्रॉ बैक है, इसका पता बाद में चलेगा। नवम्बर से RTE की जगह बदली हुई व्यवस्था टेक होम राशन के तहत पुष्टाहार का वितरण शुरू हो गया है।
सरकार या सरकार के अधिकारी चाहे कुछ भी कहें लेकिन विपक्ष ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है। विपक्ष ने पुष्टाहार में बदलाव को एक जल्दबाजी में लिया गया निर्णय बता रहा है। कांग्रेस जेएमएम गठबंधन का कहना है कि पुष्टाहार योजना में कमियां पहले भी थीं लेकिन इस नयी व्यवस्था में तो भ्र्ष्टाचार की बू आ रही है। राशन के बाज़ार में जाने और लाभार्थियों के हिस्से में बंदर-बांट की भी पूरी आशंका है। पुष्टाहार योजना के तहत पहले जो पंजीरी और उपमा दिया जाता था, उसमें भ्र्ष्टाचार की संभावना कम थी, जबकि उसमें न्यूट्रिशयस सप्लीमेंट्स भी होता था। अगर उसमें कोई कमी थी तो उसमें सुधार हो सकता था, लेकिन अब सीधे राशन देने की जो व्यवस्था की गयी है, उसमें भ्र्ष्टाचार की व्यापक गुंजाइश है। बहरहाल जांच-पड़ताल के बाद ही पूरी तस्वीर साफ़ हो पायेगी।