Saurabh Verma को करना पड़ा निराशा का सामना
लखनऊ- भारत के एकमात्र उम्मीद स्टार शटलर सौरभ वर्मा को सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में निराशा का सामना करना पड़ा। बता दे की पुरुष सिंगल्स में सौरभ की टक्कर चीनी ताइपे के वांग त्जू वेई से थी।
महिला सिंग्लस में कैरोलिना मारीन ने जीता खिताब
वहीं बता दे कि को महिला सिंग्लस सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्पेन की कैरोलिना मारीन ने खिताब जीता है। यह चैंपियनशिप बाबू बनारसी दास यूपी बैडमिंटन अकादमी में खेला गया। 26 साल के भारतीय खिलाड़ी सौरभ वर्मा की पहला सुपर खिताब जीतने की उम्मीद को झटका लगा है।
वांग त्जू वेई ने 48 मिनट चले मुकाबले में बाजी पलटी
बता दे कि सौरभ को तब झटका लगा जब विश्व रैंकिंग के 22वें नंबर के खिलाड़ी वांग त्जू वेई ने 48 मिनट चले मुकाबले में बाजी पलट दी। सौरभ पहले गेम में 1-3 से पिछड़ गए थे, लेकिन कुछ अच्छे स्मैश खेलकर 4-3 से आगे हो गए।
सौरभ ब्रेक में 11-10 से पिछड़े रहे
इसके बाद वांग त्जू वेई के सर्विस फाल्ट के चलते उन्हें अंक मिले और सौरभ ने 7-4 से बढ़त बना ली। वहीं वांग त्जू वेई ने नेट के करीब शॉट खेलकर 8-8 से बराबरी के बाद 10-8 से आगे हो गए। सौरभ ब्रेक में 11-10 से पिछड़े रहे और ब्रेक के बाद वापसी नहीं कर सके जबकि चीनी ताइपे के खिलाड़ी ने दबदबा बनाते हुए शानदार कोर्ट कवरेज के सहारे अंक जुटाते हुए पहले 13-11 स्कोर किया और 18-13 की बढ़त ली।
वांग त्जू वेई ने करारे स्मैश खेलकर दबदबा बनाया
इसके बाद सौरभ दो ही अंक जुटा सके जबकि चीनी ताइपे के खिलाड़ी ने लगातार तीन अंक जुटाकर पहला गेम 21-15 से जीत लिया। दूसरे गेम में भी सौरभ ने 5-0 से पिछड़ने के बाद बैकहैंड शॉट खेलकर अंक जुटाए लेकिन वांग त्जू वेई ने करारे स्मैश खेलकर दबदबा बनाए रखा लेकिन सौरभ ने इस अंतर को 5-7 किया।
वांग त्जू वेई ने तीन साल बाद पहला खिताब जीता
इसके बावजूद वांग त्जू वेई ने ब्रेक में तीन अंक की बढ़त बना ली। ब्रेक के बाद सौरभ ने रणनीति बदली और 13-13 से बराबरी के बाद 15-14 से बढ़त बनाई लेकिन वांग त्जू वेई ने लगातार अंक जुटाते हुए दूसरा गेम भी 21-17 से अपनी झोली में डाल लिया।
विश्व रैंकिंग में 36वीं वरीयता खिलाड़ी सौरभ 2011 में हुए मोदी बैडमिंटन टूर्नामेंट में पुरुष सिंगल्स फाइनल में ओलंपियन तौफीक हिदायत से हारकर उपविजेता रहे थे और पिछले दो साल में चार सुपर-100 खिताब जीते है लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस तरह से वांग त्जू वेई ने तीन साल बाद अपना पहला खिताब जीत लिया।