Ramayan : अरुण गोविल को आजीवन ‘प्रभु’ कह कर बुलाते रहे ‘रावण’
टीवी पर प्रभु को देख भर आती हैं आंखें : त्रिवेदी
रामायण एक बार फिर से प्रसारित हो रहा है और बड़ी बात यह है की आज भी इसे उतना ही प्यार और सम्मान मिल रहा है जितना ८० के दशक में मिला था।
रामायण में निभाए गए हर किरदार ऐतिहासिक हो गए हैं। रामायण में रावण की भूमिका निभाने वाले अरविन्द त्रिवेदी अब काफी बूढ़े हो गए हैं। हाल में एक विडिओ सामने आया जिसमे अरविन्द त्रिवेदी रामायण देख रहे हैं। अरविन्द त्रिवेदी काफी बुजुर्ग दिख रहे हैं। अब ज्यादातर समय घर पर ही रहते हैं। उनके चेहरे में इतना बदलाव आ चुका है कि कई बार उन्हें पहचानना भी मुश्किल होता है। रामायण में रावण के रूप में दिखने वाले त्रिवेदी का चौड़ा माथा और चेहरे पर गुस्से के भाव ऐसे होते थे लेकिन रियल में वे काफी उदार हृदय के दिखते हैं। वह राम के अनन्य भक्त हैं।
राम के बचपन को देख ‘मंत्रमुग्ध’
लॉकडाउन की वजह से रामायण के जरिए टीवी पर 80 का दशक फिर से लौट आया है। रामायण के प्रसारण के कारण दूरदर्शन की टीआरपी टॉप पर है। इसी के साथ इस शो के किरदार भी इन दिनों चर्चा में हैं। रामायण लगातार सोशल मीडिया पर ट्रेंड में हैं। अरुण गोविल और दीपिका के साथ इन दिनों रामानंद सागर की रामायण के रावण भी खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। टीवी पर सीता का हरण कर विश्व भर में लोकप्रियता बटोरने वाले रावण यानी अरविंद त्रिवेदी रियल लाइफ में श्रीराम के ‘अनन्य’ भक्त हैं। उनकी भावुकता का अंदाजा उनके एक टिकटॉक वीडियो के जरिए लगाया जा सकता है। इस वक़्त , सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें ‘रावण’ टीवी पर श्रीराम के बचपन को देख मंत्रमुग्ध नजर आ रहे हैं।
वास्तव में , उदार ह्रदय के हैं त्रिवेदी
वीडियो में 81 साल के अरविन्द त्रिवेदी काफी बदले हुए दिख रहे हैं। उन्हें देखकर बिलकुल नहीं लगता कि ये वही रावण हैं। उनके चेहरे में इतना बदलाव आ गया है कि उन्हें पहचानना भी मुश्किल होता है। रामायण में रावण के रूप में दिखने वाले त्रिवेदी बहुत अलग था। चौड़ा माथा और चेहरे पर गुस्से के भाव ऐसे होते थे कि जैसे त्रेता का असली रावण हो। लेकिन रियल में वे काफी उदार हृदय के हैं।
रामायरण में रावण बन अरविंद को इस कदर सफलता मिली कि लोग उन्हें असल जिंदगी में भी ऐसी प्रवत्ति का इंसान समझने लगे थे। ठीक वैसे जैसे अरुण गोविल को लोग वास्तव में भी राम समझ कर पूजने लगे थे। हालांकि वह इस भूमिका के लिए तैयार नहीं थे। अरविंद त्रिवेदी ने जिस शिद्दत से रावण का किरदार निभाया था, वो आज भी याद किया जाता है। रावण का अंहकार, उसकी हंसी और अभिमान को अरविंद त्रिवेदी ने सफलतापूर्वक पर्दे पर उतारा था। ऐसे में सीता-हरण के उस दृश्य को देखकर उनका भावुक होने लाज़िम है। वीडियो में अरविंद त्रिवेदी को हाथ जोड़ते हुए भी देखा जा सकता है।
नहीं बनाना चाहते थे रावण
एक इंटरव्यू के दौरान अरविंद ने बताया था कि कि वे रामायण में केवट का रोल करना चाहते थे लेकिन रामानंद सागर ने उनसे रावण बनने को कहा। अरविंद त्रिवेदी ने कहा- ‘रामानंद सागर उनकी चाल ढाल देखकर समझ गए थे कि वही उनके रावण बनने योग्य है। उन्हें रामायण के लिए ऐसा रावण चाहिए जिसमें बुद्धि-बल हो और मुख पर तेज हो।’
रामायण में विलन का भूमिका के बाद उन्हें कई फिल्मों में खलनायक की भूमिका करने के ऑफर मिले थे। उन्होंने रामायण के अलावा उन्होंने Brahmrishi Vishwamitra में भी काम किया है। हिंदी फिल्म Vikram Aur Betal सहित 6 गुजराती फिल्में भी की हैं। मध्यप्रदेश के उज्जैन में 8 नवंबर 1938 को जन्में अरविंद त्रिवेजी फिलहाल मुंबई में रहते हैं।
कई कलाकार कह चुके हैं अलविदा
रामायण में काम करने वाले कई कलाकार दुनिया छोड़ चुके हैं। इनमें सुग्रीव का किरदार निभाने वाले श्याम सुंदर का निधन तो री-टेलीकास्ट से दो दिन पहले ही हुआ था। हनुमान जी बने दारा सिंह, मंथरा बनीं ललिता पवार, मेघनाद बने विजय अरोड़ा, कौशल्या बनीं जयश्री गडकर भी स्वर्ग सिधार चुके हैं। वहीं रामायण और महाभारत के प्रसारण के कारण दूरदर्शन की टीआरपी टॉप पर है। दोबारा प्रसारण में शो के चार एपिसोड्स को 170 मिलियन से अधिक दर्शक मिले थे, जो एक रिकॉर्ड है। वहीं, इस शो की बदौलत डीडी नेशनल ने टीआरपी चार्ट में भी बाज़ी मार ली है। डीडी नेशनल 13वें हफ़्ते में सबसे अधिक देखा जाने वाला चैनल बन गया।