RSS चीफ मोहन भागवत : हिन्दू मुस्लिम ठीक नहीं, देश की 130 करोड़ आबादी में सभी भारत माता की संतान
पूरा विश्व कोरोना जैसी व्यापक महामारी को झेल रहा है। लेकिन भारत में सांप्रदायिक बहस भी आसमान पर है। इन सबके बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने देश में कोरोना (Coronavirus in India) के भयानक रूप के बीच जनता को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि “लोगों को घरों में रहना है और ऐसा काम करना है जिससे अन्य लोगों को अच्छी प्रेरणा मिले। उन्होंने तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) को लेकर कहा कि भड़काने वालों की कमी नहीं है, कोरोना फैलने की एक वजह यह भी है।”
. लॉकडाउन में भी चल रहा संघ का काम, संघ का ऑनलाइन बौद्धिक वर्ग
. कोरोना महामारी नई, लेकिन डरने की जरूरत नहीं, जल्द होगा खत्म
. तबलीगी जमात पर भागवत का बयान , कहा- भड़काने वालों की कमी नहीं
. भागवत ने देशवासियों से की अपील- स्वदेशी अपनाएं, विदेशी वस्तुओं को छोड़ें
उन्होंने संघ के ऑनलाइन बौद्धिक वर्ग में कहा कि “देश की 130 करोड़ आबादी में सभी भारत माता की संतानें हैं और हमारे भाई-बंधु हैं। इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। दोनों तरफ से कोई डर या गुस्सा नहीं होना चाहिए। उन्होंने समाज के जिम्मेदार लोगों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें अपने लोगों को इससे बचाना चाहिए। अगर कोई डर से या क्रोध से कुछ उलटा-सीधा कर देता है तो सारे समूह को उसमें लपेटकर उससे दूरी बनाना ठीक नहीं है।”
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि “संघ का काम लॉकडाउन में भी चल रहा है। रोज के काम बंद है लेकिन दूसरे कामों ने उसकी जगह ली है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी नई है, कहर मचाया है लेकिन उससे डरने की जरूरत नहीं है। ठंडे दिमाग से योजना बनानी होगी कि क्या क्या करना है। भय से दूर होकर सुनियोजित प्रयास करना है।”
तबलीगी जमात पर मोहन भागवत
संघ प्रमुख ने कहा कि “अगर कोई डर से या क्रोध से कुछ उलटा सीधा कर देता है तो सारे समूह को उसमें लपेटकर उससे दूरी बनाना ठीक नहीं है। उनका इशारा तबलीगी जमात और उसके जलसे की तरफ था। मोहन भागवत ने कहा कि भड़काने वालों की कमी नहीं है और इसका लाभ लेने वाली ताकतें भी हैं। जिस तरह कोरोना का फैलाव अपने देश में हुआ है उसकी एक वजह यह भी है।”
सभी लोग भारत माता के पुत्र हमारे बंधु
मोहन भागवत ने बड़ी बात कही कि “भारत तेरे टुकड़े होंगे ऐसा कहने वाले ऐसा प्रयास करते हैं, राजनीति भी बीच में आती है। इनसे बचना है। सावधान रहना है। हमारे मन में प्रतिक्रिया वश कोई खुन्नस नहीं होनी चाहिए। भारत के सभी लोग भारत माता के पुत्र हैं हमारे बंधु हैं। अपने अपने समाज के प्रमुखों को अपने लोगों को यह समझाना चाहिए।”
पालघर घटना का दुःख
संघ प्रमुख ने कहा कि “महाराष्ट्र में संन्यासियों की हत्या हुई, उपद्रवी लोगों ने किया। उसका दुख सबके मन में हैं। धैर्य रखकर सारी बातें करनी चाहिए। 28 को उनको श्रद्धांजलि देने के लिए हम कुछ कार्यक्रम भी करेंगे। वे उपद्रवी नहीं थे, लेकिन भीड़ ने उन्हें मार डाला।”
सफलता और असफलता के बीच तीन फीट का अंतर
एक कहानी सुनाते हुए संघ प्रमुख मोहन भगवत ने बड़ा सन्देश दिया कि “सफलता और असफलता के बीच तीन फीट का अंतर है। इसलिए बिना थके प्रयास लगातार करने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने जिन दवाइयों के निर्यात पर पाबंदी लगाई थी उसे भी दुनिया की भलाई के लिए खुद थोड़ा नुकसान उठाकर भी उन्हें दूसरे देशों को भेजी है। यह भारत का स्वभाव है। संघ प्रमुख ने कहा कि हम खुद चिंता करें कि हम काम करने लायक रहें।
स्वदेशी अपनाने पर दिया जोर
भागवत ने कहा कि लोगों को स्वदेशी की तरफ आगे आना चाहिए। अगर स्वदेशी वस्तुओँ से काम चल जाता है तो उसे अपनाएं। विदेशी वस्तुओँ का कम से कम प्रयोग करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क लगाएं, आयुष मंत्रालय ने जो काढ़ा बताया है वैसा पिएं।”