नई दिल्ली: कोरोना वायरस की बीमारी ने अब तक पुरी दुनिया को अपने कब्ज़े में कर रखा है। जब से कोरोना वायरस की बीमारी की शुरुआत हुई, तब से लेकर अब तक लोग कोरोना की वैक्सीन के इंतज़ार में है।
वहीं पिछले साल योग गुरु बाबा रामदेव ने पतंजलि के तरफ से कोरोना से लड़ने के लिए ‘कोरोनिल’ नाम के एक दवा को लॉन्च किया था। इस दवा के लॉन्च के बाद बाबा रामदेव व पतंजलि काफी बुरे विवादों में भी फसें थे। अब इसी कड़ी में योग गुरु रामदेव ने एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मौजूदगी में ‘कोरोनिल’ को लॉन्च किया है.
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एक बार फिर किया गया लॉन्च
खबरों के मुताबिक रामदेव ने हाल ही में हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘कोरोनिल’ को विश्व स्वास्थ्य संगठन से सर्टिफाइड बताया है। रामदेव ने बताया है कि, “लोगों का मानना है कि शोध कार्य केवल विदेशों में ही किया जा सकता है। खासकर जब बात आयुर्वेद की आती है, तो लोग शोध कार्यों को संदेह की दृष्टि से देखते हैं।” आगे उन्होंने यह कहा, “महामारी के दौरान कोरोनिल ने लाखों लोगों को लाभान्वित किया है।” आगे रामदेव ने वैज्ञानिक प्रोटोकॉल व परीक्षणों को लेकर यह कहा, “इनमें से नौ शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं, जबकि पंद्रह अन्य और मौजूद हैं।”
पिछले साल ‘कोरोनिल’ का विवाद
योग गुरु बाबा रामदेव ने पिछले साल यानि 2020 के जून में ‘कोरोना किट’ को लॉन्च किया था जिसके बाद काफी बड़ा विवाद देखने को मिला। इस पर आयुष मंत्रालय ने कहा था, “पतंजलि ‘कोरोनिल’ को केवल शरीर की ‘रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने’ वाली बताकर ही बेचा जा सकता है”। हालांकि रामदेव ने ‘कोरोनिल’ को कोरोना के दवा के रूप में लॉन्च किया था लेकिन विवाद के चलते इसे कोरोना के बीमारी के असर को कम करने वाला दवा बताया था।