नई दिल्ली: Taliban Capture Afghanistan: रविवार को भारत देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था वहीं दूसरी ओर अफ़ग़ानिस्तान, तालिबान से गृहयुद्ध को समापत करने की अफ़ग़ान सरकार सत्ता बाटने की तैयारी कर रही थी। तालिबान की बढ़ती ताकत और हौसलों ने एक बार फिर से अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल जैसे बड़े शहर पर अपना कब्ज़ा जमा चूका है। तालिबानी उग्रवादी ने रविवार की सुबह से ही काबुल में घुसना शुरू कर दिया था। राजधानी काबुल को चारों और से घेरने के बाद काबुल के राष्ट्रपति भवन पर भी अपना कब्ज़ा दिया है। जिसके बाद ‘राष्ट्रपति ‘अशरफ गनी’ इस्तीफा दे कर देश छोड़ कर जा चुके है।
Taliban Capture Afghanistan: अमेरिकी झंडा उतारा गया
बता दें, बिगड़ते हालातों के बीच काबुल में अमेरिकी एम्बेसी से अमेरिकी झंडा उतार लिया गया है। एम्बेसी अधिकारी ने बताया कि एम्बेसी के लगभग सभी अधिकारियों को शहर के अंतरराष्ट्रीय ऐरपोटस पर पहुंचा दिया गया है, जहां पर हजारों अमेरिकन्स के साथ – साथ अन्य लोग विमानों का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी झंडा एम्बेसी के अधिकारियों को ही सौंप दिया हैं। अधिकारियों ने यह भी बतया की बीते दो हफ्तों में स्पेशल वीज होल्डर करीब 2,000 लोग काबुल से अमेरिका पहुंच चुके हैं।
भारतीय सीमाओं पर स्थित शहरों में तनाव
वही तालिबान के बढ़ते हौसलों को देख भारतीय सीमाओं पर स्थित शहरो पर तनाव की लकीरे देखने को भी मिल रही है। पंजाब से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कह कि ‘‘अफगानिस्तान का तालिबान के हाथों में जाना हमारे देश के लिए शुभ संकेत नहीं है। यह भारत के खिलाफ चीन-पाकिस्तान सांठगांठ को मजूबत करेगा (चीन पहले ही उयगुर को लेकर मिलिशिया की मदद मांग चुका है)। संकेत बिलकुल अच्छे नहीं हैं, हमें अब अपनी सीमाओं पर अतिरिक्त सजग रहने की जरुरत है।’’
काबुल में तालिबान का कब्ज़ा होते ही भारत वहां से अपने सैकड़ों अधिकारियों और नागरिकों को सुरक्षित निकलने में लगा हुआ है। काबुल की राजधानियों पर कब्जा करने के बाद ही राष्ट्रपति ‘अशरफ गनी’ के साथ – साथ उनके करीबी सहयोगियों ने भी देश छोड़ दिया है।