नई दिल्ली: Assembly Elections 2022: विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने प्रभारियों के नाम का एलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र भाजपा ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया है। इसके साथ ही अनुराग ठाकुर, सरोज पांडेय और अर्जुन राम मेघवाल को प्रदेश में सह चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके साथ राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आर.पी.सिंह और लोकसभा सांसद लॉकेट चटर्जी सह प्रभारी होंगे।
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Assembly Elections 2022: गोवा में बीजेपी का प्रभारी बनाया गया
बता दें कि इसके अलावा पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव मणिपुर में बीजेपी के चुनाव प्रभारी होंगे। जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत पंजाब के प्रभारी होंगे जबकि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को गोवा में बीजेपी का प्रभारी बनाया गया है।
(Assembly Elections 2022) यूपी चुनाव का सह प्रभारी बनाया
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर सह-प्रभारियों के नामों का भी ऐलान किया गया है। पार्टी ने यहां केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अलावा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सरोज पांडे और अर्जुन राम मेघवाल, शोभा करंदलाजे, विवेक ठाकुर, कैप्टन अभिमन्यू और अन्नपूर्णा देवी को यूपी चुनाव का सह प्रभारी बनाया है।
राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी
भाजपा जल्द ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है। दोनों राज्यों में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है।
पार्टी इन दोनों राज्यों में अपनी पूरी ताकत झोंकेगी
भाजपा दोनों ही राज्यों में भाजपा सत्ता में है। पार्टी, यूपी में 2017 के चुनाव परिणाम दोहराने की कोशिश में है। इसी मकसद से पार्टी ने अपने चुनाव प्रभारियों की घोषणा की है। जल्द ही चुनावी दृष्टिकोण से पार्टी के कार्यक्रमों और बूथ स्तर पर चलने वाले अभियानों की रणनीति तय की जाएगी। हर कोई मान कर चल रहा है कि पार्टी इन दोनों राज्यों में अपनी पूरी ताकत झोंकेगी।
चुनावी राह इतनी आसान नहीं
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले साल यानि 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने इसके लिए अभी से तैयारी भी शुरू कर दी हैं। दोनों ही राज्यों में सत्तारूढ़ बीजेपी 2017 के चुनाव परिणाम दोहराने का दावा कर रही है लेकिन चुनावी राह इतनी आसान नहीं होगी।