जनतंत्र डेस्क National: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समय समय पर अपने विभाग का ब्यौरा देते रहते हैं। साथ ही वे बेबाक बोलने से भी पीछे नहीं हटते फिर चाहे वो अपनी ही सरकार पर टिप्पणी क्यों ना हो। नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार में बड़े स्तर पर ईगो (अहंकार) होता है। उन्हें लगता है कि सारी जानकारी मेरे पास पास ही है, इसलिए लोगों से सलाह मशविरा नहीं करते। अच्छे आदमी को निंदा करने वाले व्यक्ति को हमेशा साथ रखना चाहिए।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री दिल्ली में निजी सलाह ऐप ‘कंसल्ट’ की लॉन्चिंग के मौके पर पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा कि, समय पर फैसले नहीं लिए जाते इसलिए सरकारी प्रोजेक्ट में देरी होती है। उन्होंने कहा कि निर्णय क्या करते हैं, यह समस्या नहीं है, समस्या यह है कि निर्णय नहीं करते। जॉइंट सेक्रेटरी की गलती को सेक्रेटरी संभालता है, सेक्रेटरी की गलती को मंत्री। लेकिन मैं पारदर्शी हूं, जिम्मेदारी तय करने में विश्वास करता हूं।
जमीन अधिग्रहण पर नहीं होते प्रदर्शन
जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर नितिन गडकरी ने कहा कि, तमाम नेशनल हाई-वे, एक्सप्रेस-वे के जारी प्रोजेक्ट के बावजूद कहीं भी जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन नहीं होते। उन्होंने कहा, ‘अब जमीन अधिग्रहण के लिए ज्यादा पैसे दिए जाते हैं। इस वजह से लोग अब यह कहने नहीं आते कि मेरी जमीन मत लो। लोग अब यह कहने आते हैं कि मेरी जमीन भी लो।’
कंसल्ट एप लॉन्च
जिस कंसल्ट ऐप की लॉन्चिंग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की है उसे पूर्व IAS अफसर राघव चन्द्रा ने बनाया है। इस ऐप पर 65 क्षेत्रों के देश के 380 एक्सपर्ट्स जुड़े हैं। नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत भी कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में नीति आयोग भी इस ऐप की मदद लेगा। इस ऐप पर हर मुद्दे से जुड़े एक्सपर्ट मिलेंगे।