जनतंत्र डेस्क Himachal: बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी अपने पति राज कुंद्रा संग हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में प्रसिध्द बगलामुखी मंदिर पहुंची। शिल्पा शेट्टी ने मंदिर में राज कुंद्रा के साथ यहां तांत्रिक अनुष्ठान करवाया। कांगड़ा के देहरा के वनखंडी में स्थापित सिद्ध पीठ मां बगलामुखी का ये मंदिर तांत्रिक अनुष्ठान और शत्रुनाश करने के लिए जाना जाता है। यहां कई नामी हस्तियां पहचान बदलकर तांत्रिक हवन करवाती हैं।
Shilpa Shetty: हिमाचल में फैमिली संग शिल्पा की मस्ती, बगलामुखी मंदिर में की तांत्रिक पूजा
मां बगलामुखी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के देहरा तहसील में स्थित है। यह मां बगलामुखी का ये एक मात्र सिद्ध पीठ है। जहां बड़े लोग, राजनीति और सिने जगत से जुड़े लोग, नामी हस्तियां आती हैं। लोग यहां राजयोग, शत्रुनाश, शत्रुभय, मुकदमा विजय और सर्व सिद्धि के लिए इस सिद्ध पीठ में हवन पूजा करवाते हैं। देस ही नहीं विदेश से भी यहां श्रद्धालु आते हैं।
पीएम मोदी से लेकर इंदिरा गांधी ने करवाया अनुष्ठान
पीएम नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी भी मीडिया से बचते हुए यहां हवन करवा चुके हैं। वहीं, खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी यहां दर्शन और अनुष्ठान करवाते थे। सन 1977 में चुनावों में हार के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी प्रदेश के इस प्राचीन मंदिर में तांत्रिक अनुष्ठान करवाया। उसके बाद वह फिर दोबारा सत्ता में आई और 1980 में देश की प्रधानमंत्री बनी। इनके अलावा नोट फॉर वोट मामले में फंसे सांसद अमर सिंह, उनके साथ आई सांसद जया प्रदा, आंतकवादी विरोधी फ्रंट के अध्यक्ष मनमिंदर सिंह बिट्टा, उत्तर प्रदेश के कांग्रेसी नेता राज बब्बर के नाम चर्चा में रहे हैं। वहीं, कॉमेडियन कपिल शर्मा भी यहां अक्सर दर्शन करने आते हैं।
पूजा को रखा जाता है गोपनीय
मां बगलामुखी को शत्रुनाशिनी माना जाता है। यहां वे लोग ज्यादा आते हैं, जो मुकदमों में फंसे होते हैं, या परिवारिक कलह, जमीनी विवाद से परेशान हैं। ऐसी परेशानियों को सुलझाने के लिए लोग माँ बगलामुखी का तांत्रिक हवन करवाते हैं। माँ बगलामुखी तांत्रिक देवी है, इसलिए भक्त तांत्रिक साधना और पूजा करवाते हैं। इस पूजा को गोपनीय रखा जाता है। तभी इसका फल जल्दी मिलता है।
मंदिर का इतिहास
कहा जाता है अज्ञातवास के दौरान पांडवो ने इस मंदिर की स्थापना की थी। अर्जुन और भीम ने युद्ध में शक्तियां हासिल करने के लिए मां बगलामुखी की विशेष पूजा की। मां बगलामुखी यहां उसी स्वरूप में विराजमान हैं जिसका वर्णन पांडुलिपियों में है। कहा जाता है मां हल्दी रंग के जल से प्रकट हुईं थीं।