जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि, दिल्ली में 70 फीसदी प्रदूषण बाहर से आ रहा है। यहां के लोग स्रोत सिर्फ 30 फीसदी प्रदूषण पैदा कर रहे हैं। केंद्र सरकार की एजेंसी आईआईटीएम के डाटा का सीएसई ने विश्लेषण किया। जिससे खुलासा हुआ कि पिछले पांच साल में दिल्ली के अंदर पैदा होने वाला प्रदूषण कम हुआ है।
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने माना कि पराली जलने की घटनाएं का प्रदूषण में हिस्सेदारी बढ़कर 35 से 40 फ़ीसदी तक हुई है। जिसका असर दिल्ली के अंदर दिख रहा है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री दिल्ली-एनसीआर से जुड़े सभी पर्यावरण मंत्रियों की बैठक बुलाएं। दीर्घकालीन स्थायी समाधान के लिए वैज्ञानिक आधार पर संयुक्त एक्शन प्लान बनाकर हर राज्य की जिम्मेदारी तय की जाए।
‘दिल्ली वालों के खिलाफ गलत टिप्पणी जारी’
दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि, सभी पार्टियों और तमाम लोगों बाहरी लोगों ने दिल्ली के लोगों को प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराया। लोग कह रहे हैं कि, दिल्ली वालों ने जहर खोला है लेकिन यह बिल्कुल गलत है। 2016 का टेरी का डेटा भी वही बात कहता है और अभी सीएसई का इस साल का डेटा भी यही बात कह रहा है। यह केंद्र सरकार के डेटा का विश्लेषण है कि दिल्ली के अंदर जो प्रदूषण पैदा हो रहा है, वह केवल 30 फीसदी ही है और 70 फीसद प्रदूषण दिल्ली में बाहर से आ रहा है। दिल्ली के अंदर का प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार लगातार काम कर रही है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से अपील
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि, हम बार-बार केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से निवेदन कर रहे हैं कि संयुक्त बैठक करके एक्शन प्लान बनाना पड़ेगा। संयुक्त एक्शन प्लान बनाए बिना और उसको जमीन पर लागू किए बिना दिल्ली वालों को निजात नहीं मिल सकती है। हम एंटी डस्ट अभियान 2 महीने से चला रहे हैं। लेकिन दिल्ली के बाहर कोई अभियान नहीं चल रहा।