नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का प्रकोप जारी है। इस बुखार की चपेट में आकर मरने वाले बच्चों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस जानलेवा बुखार से अब तक 112 बच्चों की मौत हो चुकी है। लगातार हो रही मौतों के बाद अब सरकार की नींद टूटी है। नेताओं-मंत्रियों का भी अस्पताल में आना-जाना जारी है।
इस बुखार से निपटने के लिए प्रशासन लगातार कार्रवाई का भरोसा दे रहा है, नेता हर तरह के दावे कर रहें हैं कि प्रशासन अलर्ट है, अस्पताल में सभी सुविधाएं दी जा रही है, लेकिन फिर भी अस्पताल में मौत का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौतों को लेकर स्थिति का जायजा लिया और कहा कि हम अपना बेस्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, बिहार सरकार ने भी इस समस्या को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा, ‘बच्चों के इलाज से परिजन संतुष्ट हैं। अस्पतालों में उचित व्यवस्था की जा रही है।’ मुख्य सचिव ने कहा कि एईएस से पीड़ित हुए सभी बच्चों के घर टीम जाएगी। साथ ही इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरुकता पर जोर दिया जाएगा।
20 दिन बाद जागे सीएम नीतीश
बता दें कि 20 दिन बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार मंगलवार को अस्पताल का जायजा लेने पहुंचे। जहां पर उनका कड़ा विरोध हुआ। अस्पताल के बाहर ‘नीतीश गो बैक’ के नारे लगाए गए और ‘नीतीश मुर्दाबाद’ के नारे लगाए गए।
बच्चों की मौत का कारण 4G: अजय निषाद
एक तरफ जहां बिहार में चमकी ने कोहराम मचा रखा है, वहीं बीजेपी सांसद अजय निषाद ने इस पर बेतुका बयान दिया है। सांसद ने कहा कि बच्चों की मौत का कारण 4जी है।