जनतंत्र डेस्क, रांची: झारखंड का बजट 2022-23 कल यानी गुरूवार 3 मार्च को पेश होगा। वित्त मंत्री रामेश्वर उंराव विधानसभा में बजट पेश करेंगे। बजट से पहले आउटकम बजट की समीक्षा के दौरान राज्य सरकार ने एक निष्कर्स निकाला है। जिसमें पाया गया है कि अधिकांश मामलों में विकास योजनाओं की भौतिक उपलब्धि उस पर हुए खर्च के हिसाब से नहीं है।
Jharkhand Budget: 3 मार्च को पेश होगा बजट, ये घोषणाएं कर सकती है हेमंत सरकार
बजट समीक्षा निष्कर्स में ये भी पाया गया है कि कई मामलों में लक्ष्य ही निर्धारित नहीं है। ऐसे में परिणाम का आकलन करना मुश्किल है। सरकार ने जनवरी 2022 तक आउटकम बजट की समीक्षा की है। इस दौरान विभिन्न विभागों ने कुल 370 योजनाएं शुरू की हैं। इसमें से ज्यादातर योजनाएं 10 करोड़ से ज्यादा वाली हैं।
सरकार ने समीक्षा में पाया कि जनवरी तक शुरू की गयी कुल 370 योजनाओं की लागत 13337.78 करोड़ रुपये है। विभागों ने एक करोड़ रुपये से कम लागत की कुल 76 योजनाएं, 1-5 करोड़ रुपये तक की 96 और 5-10 करोड़ रुपये तक की कुल 50 योजनाएं शुरू की है।
इसके अलावा 10 करोड़ रुपये से अधिक लागतवाली 148 योजनाएं शुरू की। करीब 46 प्रतिशत योजनाएं पांच करोड़ रुपये से कम लागत की हैं।
आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा योजनाएं कृषि-पशुपालन एवं सहकारिता के क्षेत्र से ली गयी हैं। एक से पांच करोड़ तक की लागतवाली कुल 28 और पांच से 10 करोड़ रुपये की लागतवाली 24 योजनाएं ली गयी हैं। पंचायती राज विभाग ने सबसे कम सिर्फ चार योजनाओं का काम शुरू किया है।
पंचायती राज विभाग ने एक से पांच करोड़ रुपये की कुल तीन योजनाएं शुरू की हैं। इन तीनों योजनाओं की कुल लागत 12.00 करोड़ रुपये है। पंचायती राज विभाग ने 10 करोड़ रुपये से अधिक लागतवाली एक योजना का काम शुरू किया है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने 180.73 करोड़ की लागत पर कुल 26 योजनाओं का कम शुरू किया है।