जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव को टालने के दिल्ली चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर चुनाव टालने को कहना और आयोग का केंद्र के सामने झुक कर चुनाव टालना, दोनों ही जनतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 75 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि केंद्र सरकार ने किसी राज्य के चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर चुनाव टालने के लिए कहा है। लोग कह रहे हैं कि तीनों एमसीडी को एक करना तो एक बहना है, असली मकसद तो चुनाव टालना है। क्योंकि आम आदमी पार्टी की जबरदस्त लहर है, जिसमें बीजेपी हार जाएगी।
पीएम से हाथ जोड़कर विनती
‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पीएम से हाथ जोड़कर अपील करते हुए कहा कि चुनाव कैंसिल न करें। अगर चुनाव कैंसिल होते हैं, तो यह जनतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। कल केजरीवाल भी नहीं रहेगा और मोदी जी भी नहीं रहेंगे, लेकिन यह देश रहेगा और इस देश को अपने को कमजोर नहीं करना है। स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से भी कहना चाहूंगा कि अगर आप ऐसे चुनाव टाल देंगे, तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा।
चुनाव आयोग पर साधा निशाना
सीएम केजरीवाल ने कहा कि शाम को 5 बजे चुनाव के तारीखों का एलान होने वाला था और उसके एक घंटा पहले शाम 4 बजे केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी कि हम दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक नगर निगम बनाने जा रहे हैं। इसलिए आप यह चुनाव टाल दीजिए। जिसके बाद शाम पांच बजे दिल्ली चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार के कहे मुताबिक चुनाव को टाल दिया। शायद आजादी के बाद भारत के 75 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि केंद्र सरकार ने सीधे किसी राज्य के चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर चुनाव टालने के लिए कहा है।
‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों के मन में दो-तीन बातें चल रही हैं। सात-आठ साल से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। अगर इनको तीनों एमसीडी को एक करना था, तो पिछले सात साल में इन्होंने क्यों नहीं किया? सीएम ने कहा कि लोग कह रहे हैं एमसीडी को एक करना तो केवल एक बहाना है। असली मकसद तो चुनाव टालना था, क्योंकि बीजेपी को लग रहा था कि अगर दिल्ली नगर निगम के चुनाव होंगे, तो आम आदमी पार्टी की जबरदस्त लहर है।