प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के 2 मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जानकारी मिली है कि मलिक पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। कुछ देर पहले ही यासीन मलिक को हवालात से कोर्टरूम लाया गया था।
मलिक की सजा पर पहले 3.30 बजे फैसला आना था, फिर इसे 4 बजे तक के लिए टाल दिया गया। इसके बाद करीब 6.15 बजे फैसला सुनाया गया। कई लोग अदालत के बाहर तिरंगा लेकर भी पहुंचे।
श्रीनगर के पास मैसुमा में यासीन मलिक का घर है। मलिक के घर के आसपास सुरक्षाबल के जवान तैनात हो गए हैं। ड्रोन से इलाके की निगरानी की जा रही है। बता दें कि NIA ने यासीन मलिक को सजा ए मौत देने की मांग की है।
यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वह यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता।
लेकिन यासीन मलिक को उसके गुनाहों के लिए कितनी सजा मिलेगी, ये तो कोर्ट के फैसले के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल मलिक को उम्रकैद की सजा सुना दी है।