रोक के बाद दोनों गुट को शिवसेना से जुड़े नाम और चुनाव चिन्ह चुनने का दिया गया है अधिकार
New Delhi: पिछले कुछ दिनों से शिवसेना पार्टी में पार्टी के नाम और चिन्ह को लेकर काफी उथल-पुथल मची हुई है, जिसके चलते चुनाव आयोग ने उद्धव थाकरे और एकनाथ शिन्दे से महाराष्ट्र सरकार ने उद्धव और शिंदे की टीम से 10 अक्टूबर को 1 बजे तक अपनी तरफ से पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह से जुड़े तीन-तीन विकल्प देने को कहा है। बता दें, उद्धव ठाकरे ने शिवसेना पार्टी पर अपने अधिकार का दावा करते हुए शुक्रवार को चुनाव आयोग में जवाब दाखिल किया था। इस जवाब में उद्धव ठाकरे ने कहा था, कि महाराष्ट्र के मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे शिवसेना के अन्य बागी विधायकों के साथ मिलकर पहले ही अपनी स्वेच्छा से पार्टी छोड़ चुके हैं. ऐसे में वे पार्टी के चिन्ह को लेकर अपने अधिकार की बात नहीं कर सकते। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार उद्धव गुट ने 5 लाख से ज्यादा पार्टी पदाधिकारियों और सदस्यों के समर्थन वाला एक हलफनामा भी दाखिल किया है. शिवसेना के दोनो गुटों में चिन्ह और नाम को लेकर चल रहे घमासान में दोनो गुट अपने-अपने दावे पेश कर रहे थे, जिसके चलते महाराष्ट्र के चुनाव आयोग ने पार्टी के नाम और चिन्ह को फ्रीज कर दिया है। अब फिलहाल के लिये दोनो गुट शिवसेना के चिन्ह धनुष -बाण और नाम का उपयोग नही कर सकते हैं। इस विवाद में चुनाव आयोग ने ये अंतरिम फैसला दिया है। चुनाव आयोग ने अपने इस अंतरिम फैसले में कहा कि महाराष्ट्र उपचुनाव में शिवसेना के दोनों गुट नए नामों का चयन कर सकते हैं।
उद्धव और शिन्दे के गुटों के आपसी विवादों में घिरी है शिवसेना
दरअसल एकनाथ शिंदे गुट का मानना है कि मुंबई में अंधेरी विधानसभा के उपचुनाव होने हैं, ऐसे में उद्धव ठाकरे गुट गैरकानूनी तरीके से चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार उतार सकता है, यही वजह है, कि अपनी इस मांग को लेकर एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी, हालांकि इस उपचुनाव में एकनाथ शिंदे की सहयोगी भाजपा अपना उम्मीदवार उतार रही है, महाराष्ट्र के उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग के इस बड़े फैसले के अनुसार, दोनो गुटों को नए चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे साथ ही दोनों गुट को चुनाव आयोग की तरफ से शिवसेना से जुड़े नाम और चुनाव चिन्ह चुनने का अधिकार दिया गया है।
महाराष्ट्र के चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी के नाम और चिन्ह को फ्रीज कर दिया है