China की नई चाल
नई दिल्ली – इन दिनों कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर की आर्थिक स्थिती बेहद खराब हो गई है। कोरोनावायरस से निपटने के बाद न जाने कितना समय लग जाएगा देश- विदेशों को अपनी आर्थिक स्थिती सुधारने में क्योंकि इस वक्त तो सभी की प्राथमिकता इस वायरस को मात देने की है।
जहां चीन से शुरु हुए कोरोना वायरस जैसी महामारी से लोग जुझ रहे हैं तो वहीं कुछ खबरों के अनुसार चीन (China) इस मौके का फायदा उठाते हुए यूरोपीय कंपनियों (European Companies) को ओवरटेक करने की तैयारी में है। दरअसल कोरोनावायरस के चलते बहुत सी कंपनियों को घाटा हो रहा है। जहां चीन इस फिराक में है कि कैसे भी इन कंपनियों में निवेश कर लिया जाए। क्योंकि इस समय अगर चीन ज्यादा से ज्यादा कंपनियों में इस तरह का निवेश करेगा तो बाद में बहुत हद तक दुनियाभर की कंपिनयों पर चीन (China) का कब्जा हो चुका होगा। उदाहरण के लिए फ्रांस, स्पेन और इटली जैसे देशों की कंपनियों को घाटे के चलते निवेश की काफी जरुरत है। जहां चीन अपनी नई चाल चल सकता है।
लेकिन कहीं न कहीं यूरोपीय सरकारों को इसका अंदेशा हो गया है। जिसके चलते हाल ही में इटली की सरकार ने नियमों में बदलाव कर किसी विदेशी कंपनी द्वारा बैंक, ट्रांसपोर्ट, बीमा, ऊर्जा और स्वास्थ्य क्षेत्रों की कंपनियों के टेकओवर पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं बता दे कि स्पेन और जर्मनी की कंपनियों ने भी कुछ इस तरह के नियम बनाए है जैसे अगर स्पेन की कंपनियों में 10 % से ज्यादा निवेश किसी विदेशी कंपनी को करना है तो इसके लिए सरकार से इजाजत लेनी होगी।
वहीं हाल ही में सोशल मीडिया पर भी इस बात को लेकर हंगामा हो रहा था कि बैंक पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (PBC) ने भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी बैंक (HDFC) में 1.01 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी है। जिसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर केंद्र सरकार को आगाह किया है। दरअसल एचडीएफसी बैंक और हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचडीएफसी) अलग कंपनियां हैं। एचडीएफसी असल में एचडीएफसी बैंक की मूल कंपनी है, लेकिन अब दोनों अलग-अलग कॉरपोरेट ईकाई हैं। एचडीएफसी में शेयर खरीदने का मतलब यह नहीं कि एचडीएफसी बैंक में किसी ने हिस्सेदारी खरीदी है।