जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: सर्दी, गर्मी, बरसात दिल्ली की तमाम सीमाओं पर किसानों ने हर मौसम देखा। उनको ना पानी की बौछारें हटा पाईं ना चिलचिलाती धूप उन्हें तपा पाई। कृषि के तीन कानून वापसी की मांग को लेकर किसान अलग अलग सीमाओं पर डटे रहे। आखिरकार 29 नंवबर को संसद में कृषि कानून वापसी बिल पास हो गया। अब तमाम किसान अपने खेतों की ओर लौट रहे हैं। बॉर्डर एरिया से तंबू उखाड़े जा रहे हैं। किसान मोर्चा का पंडाल हटा लिया गया। बैनर पोस्टर हटाए जा रहे हैं।
एक साल से ज्यादा वक्त से आंदोलन कर रहे किसान अपना सामान बांधकर ट्रकों पर लाद चुके हैं। शुक्रवार शाम तक करीब 40 फीसदी किसान अपने घरों के लिए रवाना हो गए। गौरतलब है कि किसान मोर्चा ने गुरुवार को आंदोलन स्थगित करने का ऐलान किया था। किसानों के आंदोलन खत्म करने के साथ ही आवागमन पहले की तरह शुरू हो रहा है। एनएच 24 पर गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाली दोनों लेन शुरू हो जाएंगी।
जश्न मनाते हुए टीकरी बॉर्डर से रवाना हुए किसान
टिकरी बॉर्डर पर किसान शुक्रवार को अपना सामान समेटते रहे। उन्हें ट्रकों में लोड किया फिर शाम तक नाचते गाते अपने अपने घरों के लिए निकल पड़े। हालांकि अभी हाइवे को पूरी तरह शुरू होने में अभी कुछ वक्त लग सकता है। यहां से भारी तादाद में किसान रवाना हुए।
सिंघु बॉर्डर से संयुक्त किसान मोर्चा का मंच हटा
शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर से संयुक्त किसान मोर्चा का मुख्य मंच हटा दिया गया। यह मंच करीब 40 फुट चौड़े और 100 फुट लंबे पंडाल के अंदर बनाया गया था। यहां रोज सैकड़ों किसान बैठा करते थे। मंच की ऊंचाई करीब 8 फुट थी। दिल्ली के हिस्से में लगे किसान मजदूर संघर्ष समिति का मंच भी किसानों ने हटाना शुरू कर दिया। सिंघु बॉर्डर पर गुरुवार रात से ही बड़ी तादाद में किसान घर लौटने लगे हैं। यहां लगे बड़े-बड़े पंडाल को खोलने के लिए कटर मशीन का इस्तेमाल किसान कर रहे हैं।
गाजीपुर बॉर्डर से किसानों की वापसी 12 से
वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसान 11 दिसंबर से नहीं बल्कि 12 दिसंबर से घर वापसी करेंगे। यहां मौजूद किसानों का कहना है कि हमारा घर लौटने का कार्यक्रम 12 तारीख से शुरू होगा। हालांकि बॉर्डर का एक हिस्सा ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है। गाजीपुर आंदोलन स्थल के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि 11 दिसंबर को गाजीपुर बॉर्डर पर मंच के माध्यम से विजय दिवस मनाया जाएगा। कार्यक्रम में स्थानीय लोगों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। किसान आंदोलन में सहयोग करने वाले संगठनों व सहयोगियों को भी सम्मानित किया जाएगा। 12 दिसबंर को पूरे दिन बॉर्डर पर कार्यक्रम होंगे।