नई दिल्ली: ISRO UPDATE: स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों के बीच भारत अपने बहुप्रतीक्षित जियो इमेजिंग उपग्रह जीसैट-1 को 12 अगस्त को लॉन्च करने वाला है। इस उपग्रह का कोडनेम EOS-3 रखा गया है। इसका प्रयोग धरती पर निगरानी रखने के लिए किया जाएगा। 12 अगस्त को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV-F 10 के ज़रिए इस उपग्रह को लॉन्च किया जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले 28 फरवरी,2021 को ISRO ने 18 छोटे उपग्रहों को भी लॉन्च किया था जिनमें देसी और विदेशी दोनों प्रकार के उपग्रह शामिल थे।
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ISRO UPDATE: 12 अगस्त को होगा प्रक्षेपण
ISRO के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस उपग्रह का प्रक्षेपण 12 अगस्त को सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर किया जाना है। लेकिन इसका प्रक्षेपण मौसम संबंधी स्थिति पर निर्भर करेगा। EOS-03 एक अत्यधिक उन्नत उपग्रह है, जिसे GSLV-F 10 यान की मदद से पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। बता दें कि इस उपग्रह का प्रक्षेपण अब तक कोविड-19 महामारी के कारण टला हुआ था। जानकारी मिली है कि रॉकेट में पहली बार 4 मीटर व्यास वाले ऑगिव-शेप्ड पेलोड फेयरिंग (हीट शील्ड) का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा EOS-03 उपग्रह में 6-बैंड मल्टीस्पेक्ट्रल दृश्य और नियर-इंफ्रा-रेड के 42-मीटर रिज़ॉल्यूशन के पेलोड इमेजिंग सेंसर भी होंगे।
ISRO UPDATE: बाढ़ व चक्रवात की सटीक सूचना देने में सक्षम
हाल ही में अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में यह दावा किया था कि EOS-3 पूरे देश की रोज़ाना 4-5 बार इमेजिंग करने में सक्षम है और साथ ही यह जल स्रोतों, फसलों, वनस्पति की स्थिति और वन क्षेत्र परिवर्तन की निगरानी करने के लिए भी उपयुक्त है। जितेंद्र सिंह का कहना है कि यह बाढ़ और चक्रवात की भी सटीक जानकारी देने में सक्षम है। माना जा रहा है कि जीसैट-1 के प्रक्षेपण के बाद भारत EOS-4 या रीसैट 1ए के प्रक्षेपण पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो कि एक रडार इमेजिंग उपग्रह है। यह उपग्रह दिन-रात तस्वीरें ले सकता है। यह उपग्रह पूरे दिन और सभी मौसमों में समान रूप से चलने की क्षमता रखता है। अपनी इस क्षमता के आधार पर यह उपग्रह देश की रक्षा में एक रणनीतिक भूमिका निभाने के लिए तैयार है।