नई दिल्ली: Sanskrit Diwas: हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन संस्कृत दिवस मनाया जाता है। रक्षाबंधन का त्यौहार भी सावन माह की पूर्णिमा को ही आता है, इसीलिए रक्षाबंधन और संस्कृत दिवस को एक ही दिन मनाया जाता है। इस बार संस्कृत दिवस 22 अगस्त 2021 को मनाया जाएगा। संस्कृत भाषा भारत देश की सबसे प्राचीन भाषा है। यह भाषा बहुत सी भाषा की जननी है, इसी मूल भाषा से कई अन्य भाषाओं का जन्म हुआ है। संस्कृत भाषा को देववानी भी कहा जाता है। सौंदर्य और रसों से भरी इस भाषा को सम्मान देने के लिए हम यह दिवस मनाते हैं।
यह भी पढ़ें – Onam 2021: पीएम मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने दी देशवासियों को ओणम की बधाई!
Sanskrit Diwas: 1969 में हुई थी संस्कृत दिवस की शुरुआत
भारत सरकार के शिक्षा विभाग ने 1969 से प्रतिवर्ष राष्ट्रिय और राज्य स्तर पर हर साल संस्कृत भाषा दिवस मनाने का निर्देश जारी किया था। भारत देश के प्राचीन ग्रन्थों, वेदों आदि की रचना संस्कृत में ही हुई थी। माना जाता है कि संस्कृत साहित्य के मुख्य स्रोत ऋषि हैं। इसलिए इस दिन ऋषियों और मुनियों को भी याद किया जाता है। साथ ही उनका पूजन भी किया जाता है। इस अवसर पर संस्कृत कवि सम्मेलन, लेखक संगोष्ठी, छात्रों का भाषण और श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता आदि जैसे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
Sanskrit Diwas: समाज को संस्कृत की महत्ता जानने की ज़रूरत
आपको बता दें कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं बल्कि एक संस्कृति है जिसे संजोने की ज़रुरत है। देव भाषा का दर्जा रखने वाली संस्कृत भाषा अब अपना वजूद खोती जा रही है। भारत में भी अब इसको पढ़ने, लिखने और समझने वालों की संख्या बहुत कम होती जा रही है। समाज को संस्कृत की महत्ता और आवश्यकता याद दिलाने के लिए संस्कृत दिवस मनाया जाता है। इसलिए इस दिन संस्कृत का गुणगान करके और ‘जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम्’ का नारा देकर लोगों को इसके महत्त्व के बारे में जागरुक किया जा सकता है।